बिलासपुर नईदुनिया। छत्तीसगढ़ में वो दिन लद गए जब महिलाएं दूसरों पर आश्रित रहती थीं। छत्तीसगढ़ की महिलाएं अब विकास की नई इबारत लिख रही हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना की महती भूमिका है। महिलाओं के जीवन में गोठानों ने आर्थिक संपन्नता का एक नया रंग भर दिया है।

महिलाओं को समूह के माध्यम से एक ही समय में एक से अधिक कार्य करके आर्थिक मजबूती प्राप्त करने का रास्ता गोठानों ने बखूबी दिखाया है। मोपका शहरी गोठान में कार्यरत गोवर्धन समूह की महिलाओं से अन्य महिलाएं भी प्रेरित हो रही हैं।

खुशबू वस्त्रकार ने अपनी आमदनी से स्कूटी खरीदी है। उनका आत्मविश्वास दोगुना हो गया है। गोवर्धन समूह की अध्यक्ष खुशबू वस्त्रकार ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनके समूह में 30 महिलाएं कार्यरत हैं। उन्होंने 1200 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट बना लिया है।

जिसमें से 900 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट की बिक्री करने पर लगभग समूह को नौ लाख की आमदनी हो चुकी है। इसके अलावा समूह ने 358 क्विंटल गो काष्ट बना लिया है। वे कहती हैं कि इस योजना से समूह की महिलाओं को आर्थिक मजबूती मिली है। अब वे घर के खर्च में बराबर की हिस्सेदारी निभा रही है।

वस्त्रकार कहती हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे अपनी कमाई से स्कूटी खरीद पाएंगी। उन्होंने कहा कि स्कूटी मिलने से हर सफर जैसे आसान हो गया है। इस योजना से उनके सपनों को पंख मिल गए हैं।

Posted By: Manoj Kumar Tiwari

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