Bilaspur News: बिलासपुर। व्रत-त्यौहार और उत्सव का मास फाल्गुन कल से प्रारंभ हो रहा है। फाल्गुन चतुर्थी से लेकर सीता अष्टमी, महाशिवरात्रि व होलाष्टक भी पड़ेगा। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस पवित्र मास में व्रत- त्यौहारों का खुलकर आनंद उठाना चाहिए। वसंत पंचमी से होली के लिए डांग भी गड़ चुका है। बच्चे इसे लेकर सबसे अधिक उत्साहित है।

ज्योतिषाचार्य पंडित देव कुमार पाठक के अनुसार इस साल फरवरी का महीना बुधवार के दिन से श्रीगणेश हुआ है। इस माह महाशिवरात्रि भी मनेगा। जिसे लेकर न्यायधानी के शिवालयों में जोर-शोर से तैयारी चल रही है। सीता अष्टमी भी है। व्रत-त्यौहारों को लेकर बाजार को भी अच्छे कारोबार की उम्मीद है। छह फरवरी से फाल्गुन मास प्रारंभ हो रहा है। इसके बाद नौ फरवरी को फाल्गुनी चतुर्थी व्रत, 14 फरवरी को सीता अष्टमी, 15 फरवरी को समर्थ रामदास नवमी, 16 फरवरी को विजया एकादशी स्मार्त, 17 फरवरी को विजया एकादशी निम्बार्क, 18 फरवरी को महाशिवरात्रि व शनि प्रदोष व्रत, 20 फरवरी को सोमवती अमावस्या व देवता व पितरों की अमावस, 21 फरवरी फुलेरा दूज, अबूझ मुहूर्त, 27 फरवरी को होलाष्टक प्रारंभ होगा।

चांटीडीह मेले में उमड़ेगी भीड़

महाशिवरात्रि के दिन से ही अरपा पार चांटीडीह में तीनदिवसीय मेले की शुरुआत होगी। यहां शहर के साथ ही आसपास से बड़ी संख्या में लोग घूमने-फिरने और मेले का आनंद लेने पहुंचेंगे। इसके साथ ही यहां स्थित भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर उनका पूजन किया जाएगा। इसके लिए तैयारी अभी से तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही मल्हार में करीब एक पखवाड़े तक चलने वाले मेले की भी शुरुआत होगी। यहां आसपास के साथ ही दूर-दूर से श्रद्धालु व मेले का आनंद लेने वाले लोग पहुंचते हैं।

शिवमंदिरों में गूंजेंगे हर-हर महादेव

महाशिवरात्रि पर्व पर 18 फरवरी को शहर समेत अंचल के शिवालयों में भोर से ही पूजन व अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। वहीं शुभ मुहूर्त में मुख्य पूजा की जाएगी। इसकी तैयारियां सभी शिव मंदिरों में जोरशोर से चल रही हैं। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर भी पंडाल सजाकर भव्य आयोजन, भोग-भंडारा वितरण होगा। जिसमें शहर के प्रमुख चांटीडीह शिव मंदिर, बघवा मंदिर, शनिचरी शिव मंदिर, मध्यनगरी अष्टमुखी शिव मंदिर समेत शहर के सभी शिवालयों में रुद्राभिषेक होगा।

Posted By: Yogeshwar Sharma

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