बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी कर्मचारी के विस्र्द्ध विभागीय जांच और आपराधिक अभियोजन एक साथ चलाया जा सकता। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए विभागीय जांच की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। एसईसीएल प्रबंधन ने याचिकाकर्ता के विस्र्द्ध विभागीय जांच का आदेश जारी कर दिया था। कोर्ट की सुनवाई पूरी होते तक कार्रवाई पर रोक लगी रहेगी।

तपेश्वर मंडल ने अधिवक्ता सुशोभित सिंह के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि एक आरोप में उसके खिलाफ पुलिस द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। याचिकाकर्ता ने कहा कि इसमें उनकी किसी तरह की संलिप्तता सामने नहीं आई है और ना ही पर्याप्त साक्ष्य ही है। इसके बाद भी झूठी शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आपराधिक प्रकरण चलाए जा रहे हैं।

इसी बीच एसईसीएल प्रबंधन ने भी बिना किसी जांच पड़ताल और उनका पक्ष सुने बगैर ही विभागीय जांच का आदेश जारी कर दिया है। विभागीय जांच का आदेश जारी करने के बाद उसके खिलाफ विभागीय अधिकारी ने जांच प्रारंभ कर दी है। याचिकाकर्ता ने आशंका जाहिर की है कि बिना किसी साक्ष्य के की जा रही कार्रवाई से उसका अहित हो जाएगा। पुलिस के आला अफसर से लेकर विभागीय अधिकारी दुर्भावना से ग्रसित हैं।

उनका पक्ष भी सुना नहीं जा रहा है। याचिकाकर्ता पर आरोप है कि माइनिंग सरदार की लिखित परीक्षा के दौरान किसी अन्य उम्मीदवार के बदले परीक्षा केंद्र में बैठकर उसने परीक्षा दी और उत्तर पुस्तिका में दिए गए सवालों का जवाब भी लिखा है। जिस उम्मीदवार के बदले परीक्षा केंद्र में बैठकर परीक्षा दिलाई उसे लिखित परीक्षा में पास होने में परोक्ष रूप से सहयोग किया है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है। पुलिस कार्रवाई प्रारंभ होने के बाद एसईसीएल प्रबंधन ने याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप पत्र जारी करते हुए विभागीय जांच का आदेश जारी कर दिया है।

सिंगल बेंच ने खारिज कर दी थी याचिका

याचिकाकर्ता ने एसईसीएल प्रबंधन द्वारा विभागीय जांच के आदेश को चुनौती देते हुए सिंगल बंेच में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया था और एसईसीएल प्रबंधन की कार्रवाई को उचित ठहराया था। सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में अपील पेश की थी। डिवीजन बेंच ने एसईसीएल प्रबंधन को विभागीय जांच कराने की छूट दी है। डिवीजन बेंच ने एसईसीएल को निर्देशित किया है कि विभागीय जांच रिपोर्ट के आधार पर अंतिम आदेश जारी नहीं करेगा।

Posted By: Yogeshwar Sharma

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