बिलासपुर। कोई सामान खरीदने आपने आनलाइन आर्डर किया है या फिर अपने शहर के ही किसी प्रतिष्ठान से सामान की खरीदारी की है। कंपनी,आनलाइन सर्विस प्रोवाइडर या फिर प्रतिष्ठान की सेवाओं से आप असंतुष्ट हैं या अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं तो ऐसी स्थिति में आपकी सहायता के लिए उपभोक्ता आयोग और कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट है। केंद्र सरकार ने पुराने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1968 को रिपील करते हुए नया कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 को देशभर में लागू कर दिया है।
इस कानून का लाभ लेने की श्रेणी में हर वह व्यक्ति आता है जिसने कोई वस्तु खरीदी है या फिर खरीदी के पूर्व भुगतान कर दिया है। जैसा कि आनलाइन खरीदी के दौरान या फिर जान पहचान के प्रतिष्ठानों में भी अक्सर लोग पहले ही भुगतान कर दिया करते हैं। ऐसे उपभोक्ताओं के लिए कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट है। इसे इस तरह भी समझ सकते हैं। अगर आपने किसी प्रतिष्ठान या डीलर से सामान की खरीदी की है और उसकी वस्तु या सेवाओं से संतुष्ट नहीं है तो आप इस कानून की मदद से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह कहना है अधिवक्ता अनिल सिंह चौहान का। अधिवक्ता चौहान का कहना है कि आनलाइन या आफलाइन शिकायत में पूरी बातें व तथ्य को स्पष्ट रूप से बताना होगा। मसलन उस वस्तु की खरीदी कब की। सेवाएं कब ली गई। सभी बिंदुओं को स्प्ष्ट करना होगा।आनलाइन शिकायत करने की स्थिति में शपथ पत्र की स्केन कापी लगानी होगी।
आफलाइन माध्यम से शिकायत करने के लिए आप अधिवक्ता की सहायता ले सकते हैं या फिर स्वयं भी उपभोक्ता आयोग पहुंचकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आफलाइन शिकायत के दौरान भी सभी बातों को स्पष्ट रूप से दर्ज करना होगा। शपथ पत्र की काफी पेश करनी होगी। अधिवक्ता चौहान का कहना है कि कंज्यूमर कोर्ट में मामला दायर करने और सुनवाई के लिए लिस्टिंग के बाद कोर्ट सबसे पहले दोनों पक्षों को तलब कर मीडिएशन करता है। कोर्ट की कोशिश रहती है जो भी विवाद है वह समझौता के तहत सुलझ जाए। इससे दोनों पक्षों को राहत मिल जाती है।मीडिएशन के माध्यम से मामला सुलझ जाता है तब ठीक अन्यथा कोर्ट फिर सुनवाई के लिए तिथि तय करता है और प्रकरण की सुनवाई प्रारंभ करता है।
ऐसे करें शिकायत
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट में दी गई शक्तियों और प्रविधान का हवाला देते हुए अधिवक्ता अनिल सिंह बताते हैं कि अगर अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं तो सेक्शन 35 के अंतर्गत उपभोक्ता आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह शिकायत आनलाइन और आफलाइन दोनों माध्यम से दर्ज कराई जा सकती है। आनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए संबंधित उपभोक्ता आयोग की साइट पर जाकर जो-जो जानकारी मांगी जाती है उसे मोबाइल या फिर कंप्यूटर के माध्यम से टाइप करना होगा। इस विधि से शुल्क भी आनलाइन जमा करने की सुविधा दी गई है। प्रक्रिया पूरी करने के बाद स्क्रीन शाट जरुर रख लें। वैसे भी आनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए जो जानकारी मांगी जाती है उस प्रक्रिया को पूरी करने के बाद शिकायत सम्मीट होने की जानकारी खुद ही दे देता है। इसके बाद भी बतौर सावधान स्क्रीन शाट रख लेनी चाहिए।
अधिकार सम्पन्न है आयोग
अधिवक्ता चौहान का कहना है कि उपभोक्ता आयोग को केंद्र सरकार ने अधिकार सम्पन्न बनाया है। नए कानून में आयोग को अधिक शक्तियां प्रदान की गई है। आयोग को क्रिमिनल कोर्ट की शक्तियां भी प्रदान की गई है। आयोग के निर्देशों का पालन ना करने पर दुकानदार,सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के संचालक को जेल भेजन की शक्ति आयोग को दी गई है। जुर्माना लगाने,प्रोडक्ट की जांच विशेषज्ञ से कराने का आदेश भी शिकायतकर्ता की मांग पर आयोग जारी कर सकता है।
उपभोक्ता आयोग को केंद्र ने दी शक्तियां
अधिवक्ता अनिल सिंह चौहान का कहना है कि केंद्र सरकार ने उपभोक्ता फोरम को अपग्रेड कर आयोग का दर्जा दिया है। दर्जा बढ़ाने के साथ ही शक्तियां भी दी है। नए प्रविधानों और व्यवस्था के तहत कंज्यूमर कोर्ट चाहे तो दंड प्रक्रिया संहिता के प्रविधानों के तहत समन जारी कर दस्तावेज तलब कर सकती है। किसी वस्तु को जांच के लिए लैब भी भेज सकती है। अधिवक्ता अनिल का कहना है कि प्रोडक्ट की गुणवत्ता जांचने लैब भेजन की स्थिति में लैब में जांच के लिए लगने वाले शुल्क का वहन शिकायतकर्ता को करना होगा।
Posted By: Yogeshwar Sharma