Bilaspur News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की पैड गर्ल हिमांगी हालदार आज समाज में महिलाओं की आईकान बन चुकी है। छोटी सी उम्र में समाज को बड़ा संदेश दे रही हैं। प्राकृतिक सैनेटरी नैपकीन बनाकर अब उसे गांव-गांव
जाकर महिलाओं तक पहुंचा रही है। समूह बनाकर आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने कदम भी उठा चुकी है।
माहवारी के समय महिलाएं अक्सर कपड़े का इस्तेमाल करती हैं या अन्य कोई विधि अपनाती हैं। ग्रामीण अंचल और रोजी मजदूरी करने वाली ज्यादातर महिलाओं की स्थिति वा सोच भी इसे लेकर बहुत अच्छा नहीं है। शहर की महिलाएं बाजार में मिलने वाली नैपकिन का प्रयोग कर रही हैं। दोनों ही स्थिति में स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है। कपड़े के उपयोग से कीटाणु के फैलने तथा रैशेस होने का खतरा रहता है। नैपकिन में रसायनिक जेल होने से इसके त्वचा के संपर्क में रहने से वेजाइना में कैंसर तथा अन्य बीमारियां होने का खतरा रहता है। भारत माता स्कूल की कक्षा 12वीं की छात्रा हिमांगी हालदार ने इसी समस्या को ध्यान में रखकर प्राकृतिक सेनेटरी नैपकिन तैयार किया। जिसकी प्रशंसा भारत सरकार का नीति आयोग भी कर चुका है। हिमांगी ने एक साफ सुती का कपड़ा, सब्जे का बीच (डेचिल) मेथी का पाउडर का प्रयोग कर इसे तैयार किया है। सब्जे के बीज की यह खासियत है कि ये नमी, गीलेपन को सोखने का काम करता है। मैथी का पाउडर इंफेक्शन को रोकने की क्षमता रखता है। इसे बनाने में मात्र तीन रूपये का खर्च आया था। हिमांगी अब अवकाश के दिनों में आसपास गांव में जाकर इसे तैयार करने महिलाओं को विधि बताने के साथ प्राकृतिक नैपकीन के लाभ भी बता रही है।
स्वच्छ-भारत, स्वस्थ्य भारत का सपना
हिमांगी का कहना है कि उसके मन में हमेशा स्वच्छ-भारत, स्वस्थ्य भारत का सपना का सपना है। पढ़ाई के दौरान अनुभव किया कि बेटियां इस समस्या से गुजरती है। गांव में स्थिति और भी खराब है। एक सर्वे कर रिपोर्ट बनाया फिर विषय विशेषज्ञों का सहारा और मार्गदर्शन में प्राकृतिक सैनेटरी नैपकीन बनाने कदम उठाया।
नाम आई केन,आयोग के पास
प्राकृतिक सैनेटरी नैपकीन का नाम आई केन दिया है। जिसे नीति आयोग के पास भेज दिया है। पंजीयन से लेकर पूरी प्रक्रिया हो चुकी है। आयोग के माध्यम से यह बाजार में आएगा। जिसके बाद महिलाओं को काफी आसानी होगी। वे आत्मसम्मान से जी सकेंगी। हर घर में पहुंचाने लक्ष्य है। अभी तक 3000 से अधिक महिलाओं व समूहों को प्रशिक्षण भी दे चुकी हैं।
Posted By: Yogeshwar Sharma