बिलासपुर। जीवन भर सरकारी विभागों में सेवा देने के बाद कर्मचारी रिटायर्ड हो गए, लेकिन उन्हें पेंशन की सुविधा नहीं मिल पा रही है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अलग-अलग बहाना बताकर रिटायर्ड कर्मचारियों को चक्कर लगवा रहे हैं। इसके चलते स्टेट कर्मचारी भारी परेशान है। संबंधित विभाग के अफसर और शाखा प्रभारी लिपिक पेंशन पास न करने के हजारों बहाने बना रहे हैं। हालात यह है कि नो-ड्यूज के नाम पर कई साल से पेंशन प्रकरण लटकाकर रखा गया है। वहीं कुछ कर्मचारियों को रिकवरी के नाम पर परेशान किया जा रहा है।

सभी दस्तावेज पूर्ण होने के बाद प्रकरण लंबित होने का सारा दोष रायपुर कार्यालय पर डाल दिया जाता है। कई साल से पेंशन न मिलने पर सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारी मजबूरीवश कोर्ट तक जा रहे हैं। राज्य शासन ने हर विभाग से रिटायर होने वाले अधिकारी कर्मचारियों को तत्काल सभी भुगतान देने के निर्देश दिए हैं। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग में इसका पालन नहीं हो रहा है।

जिले में पेंशन के कई प्रकरण सालों से लंबित हैं, जिसे पाने के लिए सेवानिवृत्त शिक्षक-शिक्षिकाएं लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका आरोप है कि जिला शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी -कर्मचारी पेंशन पास करने में बेवजह रोड़ा अटकाते हैं, चहेतों का प्रकरण जल्दी से पास कर देते हैं।

हर माह तीन दिन लगेती है पेंशन अदालत

बिलासपुर। जिले के सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सेवानिवृत्त पश्चात मिलने वाली परिलब्धियों के प्रकरणों का निराकरण पेंशन लोक अदालत में किया जाता है। सेवानिवृत्ति के पश्चात परिलब्धियों की प्राप्ति के लिए स्थायी एवं निरंतर लोक अदालत स्कीम 2003 के तहत गठित पेंशन लोक अदालत की स्थापना की गई है।

यह पेंशन लोक अदालत प्रत्येक माह के दूसरे, तीसरे एवं चौथे रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के कार्यालय में सुबह 10.30 बजे आयोजित की जाती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के सचिव द्वारा निर्देश जारी किए गए है कि जिले के शासकीय विभागों से सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सेवानिवृत्त पश्चात मिलने वाली परिलब्धियों में किसी तरह की कठिनाई उत्पन्न हो रही हो तो वे पेंशन लोक अदालत में साधारण आवेदन पेश कर समस्या का समाधान करा सकते है।

Posted By: Manoj Kumar Tiwari

छत्तीसगढ़
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