बिलासपुर। दुर्ग - लखनऊ गरीबरथ एक्सप्रेस के बोगी नंबर जी चार में शार्ट सर्किट होने की घटना ने एक बार फिर लोगों को चिंता में डाल दिया है। कुछ दिनों पहले 14 मई को बिहार के बरौनी जंक्शन से बोकारो राऊरकेला झाड़सुगुड़ा होकर कोयंबटूर के लिए चलाई गई साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन शार्ट सर्किट की वजह से खतरे में पड़ने वाली थी।

हालांकि यह ट्रेन रायपुर से होकर नहीं गुजरती है। लेकिन, क्षेत्र के लोग कनेक्टिंग ट्रेन पकड़कर दूसरी ट्रेनों में भी रिजर्वेशन कराते हैं। इस लिहाज से गर्मी के दिनों में ट्रेनों में शार्ट सर्किट की बढ़ती घटनाओं से लोग खासे चिंतित हैं। इन दोनों घटनाओं में दोनों ट्रेनों को रेलवे के स्टाफ ने आगजनी से बचा तो लिया है। लेकिन , शार्ट सर्किट की संभावना को शून्य बनाने के लिए रेलवे को पूरे उपाय सुनिश्चित करने होंगे।

इन्ही घटनाओं को देखते हुए शहर के दैनिक यात्री संस्कार श्रीवास्तव, दीपक यादव, सुधांशु मिश्रा के साथ रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति चांपा के कुलवंत सिंह सलूजा , रेल उपभोक्ता समिति कोरबा के पंकज देवड़ा ने ट्रेनों में होने वाली आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है। इस घटना को ट्विटर के माध्यम से रेल मंत्री तक बात पहुंचाने का प्रयास किया गया है। गर्मी के दिनों में एयर कंडीशन और स्लीपर कोच में इस तरह की घटना की आशंका बनी रहती है।

हालांकि रेलवे के द्वारा शॉर्ट सर्किट की संभावना को शून्य बनाने के लिए अत्याधुनिक विद्युत वितरण संरक्षा तंत्र ट्रेनों में सुनिश्चित किया जा रहा है लेकिन फिर भी चलती हुई ट्रेन में यात्रियों को इस लिहाज से अपनी सुरक्षा की चिंता बनी रहती है। सभी ने संबंधित टीटीई स्टाफ की तरह ही आम यात्रियों को भी जागरूक होने का निवेदन किया है।

देखने में आया है कि कुछ यात्री अनुशासन हीन और गैर जिम्मेदार होते हुए ज्वलनशील पदार्थ छिपाकर लेकर चलते हैं। ऐसा कर वे दूसरे लोगों को भी संकट में डाल सकते हैं। आरपीएफ के साथ दूसरे यात्रियों को इस संबंध में बेहद सतर्क होने की जरूरत है। साथ ही किसी भी प्रकार के ज्वलनशील पदार्थ नहीं लेकर चलने की अपील भी की है। इसकी आरपीएफ के द्वारा नियमित जांच कराने की मांग भी यात्रियों ने की है।

Posted By: Manoj Kumar Tiwari

छत्तीसगढ़
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