बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। प्रदेश के छोटे स्टेशनों में अब तक एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव नहीं दिया जा रहा है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। गांवों में रहने वाले लोग मजदूरी के लिए बिलासपुर नहीं आ पा रहे हैं। कांग्रेस कमेटी की ओर से इसके विरोध में खोडरी रेलवे स्टेशन में रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। साथ ही जीएम के नाम स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
रविवार को खोडरी रेलवे स्टेशन पर जिला कांग्रेस कमेटी बिलासपुर एवं जिला कांग्रेस कमेटी गौरेला-पेंड्रा-मरवाही की ओर से समस्त कांग्रेस पदाधिकारी एवं क्षेत्र के ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन किया। लगभग ढाई साल से ट्रेन का परिचालन कोरोना के नाम पर बंद है, जबकि यहां से मालगाड़ी का आवागमन तेजी से चल रहा है। सभी स्टेशनों में यात्री गाड़ियों का स्थायी ठहराव बंद कर दिया गया है।
रेलवे के तानाशाही रवैए से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। यहां के लोगों रोज बाहर जाकर कामकाज कर वापस अपने घर को आते थे। उसे भी रेलवे ने छीन लिया। अब क्षेत्र के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। यदि जल्द ही ट्रेनों का परिचालन नहीं किया गया और ठहराव नहीं किया गया तो आरपार की लड़ाई क्षेत्र के लोग लड़ेंगे।
बिलासपुर जिले के सभी रेलवे स्टेशन जहां रेलवे ने परिचालन व ठहराव को बंद कर दिया गया है। इसके लिए लगातार जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया जा रहा है। क्षेत्र के श्रमिक जो मजदूरी करने बिलासपुर जाते थे वह भी पूरी तरह से बेरोजगार हो चुके हैं।
मरवाही विधायक डा. केके ध्रुव ने कहा कि ट्रेन स्टापेज बंद होने से यातायात काफी मुश्किल हो गया है। लोग कामकाज के लिए बाहर नहीं जा पा रहे हैं। पेंड्रा के जिला अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि केंद्र की सरकार आदिवासियों की हित की बात करती है और रेल प्रशासन ने यह बता दिया कि वह किसी की चिंता नहीं करती है।
तेज हो रहा प्रदर्शन
जिलाध्यक्ष केशरवानी के नेतृत्व में बिलासपुर-पेंड्रा रेलवे मार्ग पर उसलापुर, सलका ,कोटा ,बेलगहना, खोंगसरा, बिलासपुर-रायपुर रेलवे मार्ग पर बिल्हा, बिलासपुर-रायगढ़ रेलवे मार्ग पर जयरामनगर आदि स्टेशनों पर धरना-प्रदर्शन किया गया।
Posted By: anil.kurrey
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