Bilaspur News:बिलासपुर। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के लिए ग्राम कोदवाही में जिला मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर बीते दिनों छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। दायर याचिका पर सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने याचिका को निराकृत कर दिया है। याचिकाकर्ता को कलेक्टर के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने का निर्देश दिया है।
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के बीच स्थित ग्राम कोदवाही को जिला मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर जिले के एक निवासी ने जनहित याकिचा दायर की है। दायर याचिका में कहा है कि राज्य शासन द्वारा गौरेला को नया जिला मुख्यालय बनाने की तैयारी की जा रही है। याचिका के अनुसार ग्राम कोदवाही में जिला मुख्यालय बनाए जाने से जिले के ग्रामीणों को सुविधा होगी। याचिकाकर्ता ने बताया कि ग्राम कोदवाही पेंड्रा से 11 किमी,गौरेला से 19 और मरवाही से 20 किलोमीटर दूर है। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला मुख्यालय के लिए कोदवाही सबसे उपयुक्त जगह है। यहां से प्रमुख जगहों से आसानी के साथ जिला मुख्यालय पहुंचा जा सकेगा। दूसरी भी कम पड़ेगी। याचिकाकर्ता ने अपनरी याचिका में कहा कि गौरेला की दूरी ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक है। इससे दूरस्थ वनांचलों व ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए जिला मुख्यालय पहुंचना आसान नहीं होगा। दूरी के चलते लोग नहीं पहुंच पाएंगे। एक अन्य जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने सरपंच व सचिव को जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह की मोहलत दी है। मामला महासमुंद जिले का है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायत कापा के पूर्व सरपंच व सचिव द्वारा की गई गड़बड़ी की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान प्रमुख पक्षकार सरपंच व सचिव ने जवाब पेश करने के लिए मोहलत मांग ली है। हाई कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में पूर्व सरपंच व सचिव पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के कार्य में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है। केंद्र सरकार द्वारा राशि स्वीकृत हो गई है। जिन हितग्राहियों ने शौचालय निर्माण पूरा करा लिया है उनको राशि का भुगतान नहीं किया गया है। पूर्व सरपंच व सचिव ने शौचालय निर्माण में जमकर घोटाला किया है। हितग्राहियों को उनके हिस्से की राशि अब तक नहीं दी गई है।
Posted By: Yogeshwar Sharma
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