नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। बीएड डिग्रीधारी देवेश शर्मा द्वारा सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त 2023 के फैसले के खिलाफ रिव्यू याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 मे दिए गए फैसले को सही ठहराया है। सहायक शिक्षक के पद पर बीएड डिग्रीधारकों को अयोग्य और असंवैधानिक घोषित किया था। डीएलएड डिप्लोमा को ही योग्य घोषित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को बदलने बीएड डिग्री धारियों ने सुप्रीम कोर्ट मे रिव्यू याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब बीएड डिग्रीधारियों के सहायक शिक्षक पद मे शामिल होने के सारे रास्ते बंद हो गए हैं।
छत्तीसगढ़ में भी शिक्षक भर्ती 2023 में यह विवाद चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले मे यह साफ कहा है कि 11 अगस्त के फैसले के बाद बीएड को अपाइंटमेंट नही दिया जा सकता, जबकि छत्तीसगढ़ देश मे केवल इकलौता राज्य है जहां बीएड डिग्रीधारकों को सहायक शिक्षक के पद पर की गई नियुक्ति 11 अगस्त के बाद की हैं। सहायक शिक्षक पद के लिए विभाग द्वारा पहला नियुक्ति पत्र 20 सितंबर 2023 के बाद दिया गया है। डिप्लोमाधारियों का कहना है सहायक शिक्षक पद पर केवल डिप्लोमाधारियों का अधिकार है। इसमें बीएड वाले अवैध रूप से नौकरी कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए दो अप्रैल को छह सप्ताह के भीतर बीएड डिग्रीधारकों को साहसिक शिक्षक के पद से बशर करने का निर्देश दिया था और बाहर करने का आर्डर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने दो अप्रैल के आदेश का राज्य सरकार को परिपालन करने का निर्देश दिया है। जिसका अब तक राज्य सरकार ने पालन नहीं किया है।