Bilaspur News: बिलासपुर। कोटा ब्लाक के छोटे से गांव शिवतराई के आदिवासी किसान और परिवार के सदस्यों ने कभी सोचा ना था कि गोबर से उनकी जिंदगी में बदलाव आ जाएगा। बदलाव भी ऐसा कि समृद्धि का द्वार खुल गया है। आदिवास किसान ने राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना गोठान के जरिए गोबर इकट्ठा कर बेचा। आय भी इतना हुआ कि ट्रैक्टर खरीद लिया। अब वह आधुनिक खेती की ओर कदम बढ़ा दिया है।

किसने सोचा था कि कभी ऐसा दिन भी आएगा कि जब गोबर बेचकर आमदनी की जा सकेगी। गोबर से जिंदगी बदल जाने की कल्पना भी किसी ने नहीं की थी लेकिन छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना से ऐसे ही लाखों लोगों की जिंदगी बदल रही है और संवर भी रही है। इसकी बानगी कोटा ब्लॉक के शिवतराई गांव में देखने को मिली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर गोठानों में गोबर खरीदी की अभिनव योजना शुरू की गई। शिवतराई के आदिवासी किसान गौरीशंकर सिरसो भी इस योजना का लाभ उठा रहे है। उन्होंने गोबर की आमदनी से एक ट्रैक्टर भी खरीद लिया है। जिससे खेती-किसानी में सहूलियत हो रही है। बकौल श्री गौरीशंकर गोधन न्याय योजना ने उनके परिवार की जिंदगी बदलने का काम किया है।

अपने अनुभव साझा करते हुए गौरीशंकर सिरसो ने बताया कि योजना शुरू होने के बाद उन्होंने गोबर बेचने की सोची। उनके पास लगभग एक दर्जन मवेशी है। दो से ढाई क्विंटल गोबर मिल जाता है। उन्होंने बताया कि अब तक 55 हजार 676 किलो गोबर बेच चुके है। सिरसो ने बताया कि पहले चार महीने खेती-किसानी करने के बाद मजदूरी के लिए पलायन करना पड़ता था, लेकिन अब गोधन न्याय योजना के चलते परिस्थितियां बदल गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की इस योजना से ‘‘पलायन के रद्दा मुंदा गे हे’’। अब हमे रोजगार के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ रहा है। उनकी पत्नी भी गोठान में संचालित गतिविधियों से जुड़ी हुई है। सब्जी उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण जैसी आर्थिक गतिविधियों से उन्हें भी आमदनी हो रही है। गोबर बेचकर मिले पैसे से परिवार की दैनिक जरूरतें पूरी हो रही है। उनके घर का पूरा खर्च गोबर बेच के मिले पैसों से ही चलता है। उन्होंने जिंदगी बदलने वाली इस योजना के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया।

फसल परिवर्तन पर जोर

गौरीशंकर बताते हैं कि ट्रैक्टर की खरीदी के बाद अब उसने फसल परिवर्तन पर जोर देना शुरू कर दिया है।

धान के अलावा सब्जी की खेती कर रहे हैं। खेत के मेढ़ में फलों की खेती कर रहे हैं।

Posted By: Yogeshwar Sharma

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