बिलासपुर। (नईदुनिया प्रतिनिधि) छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने ऑनलाइन ठगी के एक मामले में बिलासपुर पुलिस के कार्यप्रणाली को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। डिवीजन बेंच ने तोरवा थाना प्रभारी को याचिकाकर्ता के मामले में जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इसके लिए 6 सप्ताह का समय सीमा तय कर दी है।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस संजय के अग्रवाल के डिवीजन बेंच ने बिलासपुर पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है कि कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश का परिपालन सुनिश्चित कराने की दिशा में गंभीरता बरतें। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद पुलिस को अपना जवाब पेश करना होगा।

डब्ल्यूआरएस रायपु में सहायक कार्मिक अधिकारी भास्कर गुहा ने अधिवक्ता रजनीश सिंह बघेल के जरिये हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमणकाल के दौरान उन्होंने ऑनलाइन खरीदी के तहत चेन्नई की कंपनी को लैपटॉप खरीदी के लिए राशि जमा की थी।

लगातार पत्र व्यवहार और ऑनलाइन चर्चा के बाद भी जब कंपनी ने लैपटॉप नहीं दिया और ना ही राशि लौटाई तब उन्होंने तोरवा थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराने के लिए थाना प्रभारी से मुलाकात की। थाना प्रभारी एफआइआर दर्ज करने में लगातार हीला हवाला करते रहे। इसके बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक के सामने इस बात की शिकायत दर्ज कराई थी। आइजी के निर्देश पर तोरवा थाना प्रभारी ने एफआइआर दर्ज किया।

आगे जांच नहीं हो पाई। इसके चलते उसे न्याय नहीं मिल पाया। किसी तरह की कोई कार्रवाई न होने पर याचिकाकर्ता भास्कर गुहा ने 29 अप्रैल 2022 को प्राथमिकी दर्ज करने और जांच की प्रार्थना के साथ याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने एक लैपटॉप जोन, माउंट रोड, अन्नासलाई, चेन्नई (टी.एन.) से ऑनलाइन लेनदेन के माध्यम से 13 नवम्बर.2020 को अपने एसबीआइ क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके 47 हजार 999 रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया था।

उत्पाद खरीदते समय विक्रेता ने याचिकाकर्ता को आश्वासन दिया कि उसे 15 दिनों के भीतर उत्पाद मिल जाएगा। लेकिन 15 दिनों के बीत जाने के बाद भी उत्पाद याचिकाकर्ता को वितरित नहीं किया गया। दो वर्षों तक याचिकाकर्ता विक्रेता के साथ संवाद करता रहा। फोन और ईमेल के जरिये। न तो उत्पाद वितरित किया गया और न ही भुगतान वापस किया गया।

एफआइआर के बाद आजतलक नही हुई कार्रवाई

याचिकाकर्ता ने तोरवा थाना प्रभारी के समक्ष 29 अप्रैल 2022 को प्राथमिकी दर्ज कराई। लेकिन आज तक थाना प्रभारी द्वारा कोई उचित जांच नहीं की गई। मामले की सुनवाई चीफ रमेश सिंह व जस्टिस संजय के अग्रवाल के डिवीजन बेंच में हुई।

डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों और पक्षकारों के अधिवक्ता द्वारा दिए गए निवेदनों को ध्यान में रखते हुए,थाना प्रभारी तोरवा को उक्त प्राथमिकी की जांच हेतु आज से छह सप्ताह की अवधि के भीतर और धारा 173 (2) सीआरपीसी के तहत पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कानून के अनुसार सक्षम न्यायालय के समक्ष। कोर्ट ने बिलासपुर जिले के पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है है कि उक्त अवधि में इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।

Posted By: Manoj Kumar Tiwari

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