बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। तिफरा में संचालित शासकीय आश्रयदत्त कर्मशाला में दिव्यांग प्रशिक्षार्थियों की संख्या 100 के पार हो गई है। पिछले सत्र में संख्या मात्र 23 थी। यहां पांच ट्रेड में दिव्यांगों को हुनरमंद बनाने का काम किया जा रहा है।

दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शासकीय आश्रयदत्त कर्मशाला को जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश में एकमात्र तिफरा में संचालित आश्रयदत्त में ब्यूटी पार्लर, पेंटिंग, सिलाई, कंप्यूटर और इलेक्ट्रिक ट्रेड हैं, जहां वर्तमान में 105 दिव्यांगों को निश्शुल्क आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मार्च में सत्र खत्म होगा।

इसके पहले उन्हें हुनरमंद बनाने का काम प्रशिक्षकों द्वारा किया जा रहा है। यहां दिव्यांगों को दो वक्त का भोजन दिया जाता है। इसके अलावा रविवार को विशेष भोजन परोसने की व्यवस्था है। सुबह नाश्ता और दोपहर में फल देने का भी प्रविधान है। पिछले सत्र में यहां दिव्यांगों की संख्या मात्र 23 थी, जो वर्तमान में बढ़कर 105 हो गई है। 90 बच्चे आश्रयदत्त में रहकर प्रशिक्षण ले रहे हैं। वहीं 15 बच्चे अपने घरों से आना-जाना करते हैं।

किस ट्रेड में कितने प्रशिक्षार्थी

ब्यूटी पार्लर 11

पेंटिंग 12

सिलाई 13

कंप्यूटर 40

इलेक्ट्रिक 14

लग्जरी बस की सुविधा

ऐसे दिव्यांग बच्चे जो घरों से आना-जाना करते हैं उनके लिए लग्जरी बस का इंतजाम किया गया है। इस बस से बच्चे प्रशिक्षण के लिए आते हैं और शाम को अपने घर जाते हैं। यह पूरी तरह से निश्शुल्क सेवा है।

क्या कहते हैं बच्चे

ब्यूटी पार्लर का कोर्स कर रही ज्योति मरकाम और मनीषा चंद्राकर ने बताया कि यहां योग्य प्रशिक्षक से प्रशिक्षण मिल रहा है। कोर्स करने के बाद खुद का व्यवसाय प्रारंभ करेंगी। सिलाई ट्रेड की संपत्ति वर्मा और शशि धु्रव ने बताया कि कोर्स लगभग पूरा हो गया है। यहां सरल शब्दों में आसानी से पढ़ाई पूरी हो रही है। कंप्यूटर का प्रशिक्षण ले रहे विकास वर्मा व सोनमति पाव ने भी कोर्स के बारे में अपना अनुभव साझा किया।

इन्होंने कहा

पिछले सत्र में प्रशिथार्थियों की संख्या बहुत कम थी। उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन के बाद हमने सबसे पहले बच्चों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया। वर्तमान में बच्चों की संख्या 100 के पार हो गई है। यह हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। आने वाले सत्र में बच्चों की संख्या बढ़ाने पर और जोर दिया जाएगा।

बीना दीक्षित, अधीक्षक, शासकीय आश्रयदत्त कर्मशाला

Posted By: Yogeshwar Sharma

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