बिलासपुर। आमतौर पर गर्मी के मौसम में जल-स्तर में भारी गिरावट आती है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने नलकूप खनन पर रोक लगा दी थी। अन्य वर्षा की तुलना में जिले का जलस्तर संतोष जनक पाया है। इसको देखते हुए कलेक्टर सौरभ कुमार ने नलकूप खनन की पाबंदियां हटा ली है।

अब कोई भी व्यक्ति नलकूप खनन करवा सकता है, इसके लिए किसी अधिकारी से परमिशन लेने की आवश्यकता नही पड़ेगी। गर्मी के मौसम में पानी की समस्या कोई नही बात नहीं है। लेकिन पिछले दो दशक से खासकर गर्मी के मौसम में जिले का जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। इसके कारण हैण्डपम्पों की सूख जाते है और मोटर पम्पों से पानी की जगह सिर्फ हवा निकलती है।

लगातार पेयजल संकट पैदा हो रही है। इसलिए प्रशासन ने जलस्तर को बनाए रखने के लिए बेतरतीब खुदाई पर रोक लगाने का विकल्प निकाला है। इसी क्रम में पिछले दिनों जिला प्रशासन ने जिले में नलकूप खनन के लिए अनुमति अनिवार्य कर दिया था। ताकि बेतरतीब खुदाई को अंकुश लगाया जा सके और तेजी से गिरते जल स्तर पर नियंत्रण पाया जा सके।

लेकिन इस बार गर्मी के मौसम में जिले की स्थिति कुछ बेहतर नजर आ रही है। इसलिए कलेक्टर सौरभ कुमार ने अपने द्वारा ही नलकूप खनन के लगाई रोक पर हटा लिया है और ग्रामीण इलाको में बोर खनने के लिए छूट दे दी है। बाक्स औसतन 15 फीट उपर जलस्तर आम तौर पर गर्मी के मौसम यानी मई महिने में जिले में जलस्तर आसतन 80 से 90 फीट के नीचे चला जाता था।

लेकिन इस बार गर्मी बीच बीच में बेमौसम बारिश के कारण जलस्तर में ज्यादा गिरावट नही आई है। कुछ इलाके को छोड़ दिया जाए तो आज की स्थिति में जलस्तर 66 से 75 फीट के आस पास है जो पिछले वर्षो की तुलना में 15 फीट उपर है रोक हटाने का यह बड़ा कारण है।

बेमौसम बारिश का असर

बेमोसम बारिश से खेती किसानी के अलावा जनजीवन पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन इस वर्ष हुई बेमौसम बारिश का एक फायदा नजर आया है । मई के महिने में भी जिले का जलस्तर 75 फीट से अधिक नीचे नही गया है। गर्मी में मोसम में हुई बारिश ने पानी की समस्या से निजाद दिलाई है और लोगों को पेयजल संकट से मुक्ति मिली है।

Posted By: Manoj Kumar Tiwari

छत्तीसगढ़
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