बिलासपुर। मुंगेली कलेक्टर राहुल देव ने बुधवार को जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत मुंगेली जिले को टीबी मुक्त बनाने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने जिले में टीबी मरीजों की संख्या, टीबी के प्रकार और लक्षण, प्रसार के कारण एवं उसके रोकथाम व उपचार के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिले को टीबी मुक्त बनाने स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी संकल्प लेकर गंभीरतापूर्वक कार्य करें। उन्होंने सर्वे के माध्यम से टीबी के लक्षण वाले मरीजों को चिन्हांकित करने और उपचाररत टीबी मरीजों का बेहतर उपचार हेतु नियमित मानिटरिंग करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने जिले में टीबी मरीजों को निक्क्षय मित्र के माध्यम से पोषण आहार प्रदान करने के अभियान का शुभारंभ भी किया। उन्होंने 10 टीबी मरीजों के लिए एवं अपर कलेक्टर तीर्थराज अग्रवाल ने 5 टीबी मरीजों के लिए निक्क्षय मित्र बनकर इसकी शुरूआत की। उन्होंने दो टीबी मरीजों को पोषण आहार कीट भी वितरित किया। कलेक्टर ने अन्य अधिकारियों को भी निक्क्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों के बेहतर उपचार हेतु आवश्यक सहयोग प्रदान करने का सुझाव दिया। साथ ही जनप्रतिनिधियों और समाजसेवी संस्थाओं को भी इस पुनीत कार्य में शामिल करने की बात कही। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि टीबी एक संक्रामक रोग है जो फेफड़ों या अन्य ऊतकों में संक्रमण का कारण बन सकता है। यदि टीबी रोगी का ठीक से उपचार न किया जाए तो यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है और इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डा. सुदेश रात्रे ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से प्राप्त दिशा निर्देशानुसार देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त किया जाना हंै। इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कम्युनिटी सपोर्ट टू टीबी पेसेंट कार्यक्रम आरंभ किया गया है, जिसका उद्देश्य टीबी मरीजों के इलाज में समुदाय की सहभागिता तथा मरीजों को अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि जिले में कुल उपचाररत टीबी मरीजों की संख्या 642 है, जिसमें से 552 टीबी मरीजों की सहमति पोषण आहार प्राप्त करने हेतु मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि टीबी के लक्षण दो हफ्ते से ज्यादा खांसी या बुखार, वजन में कमी, बलगम के साथ खून आना व छाती में दर्द हो सकता है, जिसकी जांच सरकारी अस्पताल में डीएमसी (बलगम जांच केंद्र) में करायी जा सकती है। यह हवा के माध्यम से फैलने वाली बीमारी है, जिसका पूर्ण निश्शुल्क उपचार सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध है।

Posted By: Yogeshwar Sharma

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