World Cancer Day 2023: बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सिम्स में अब कैंसर मरीजों का इलाज संभव हो चुका है। वहीं अब लगातार कैंसर पीड़ित मरीज मिल रहे हंै। लेकिन इसमें चौकाने वाले आंकड़े यह आ रहे हैं कि इनमें से सबसे ज्यादा माउथ कैंसर के मरीज मिले हैं। इसमें महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। आंकड़ों के मुताबिक हर दो पुरुष मरीज के बाद तीसरे मरीज के रूप में महिला की पहचान की जा रही है। साफ है कि क्षेत्र में पान-गुटखा, तंबाकू व सिगरेट का सेवन करने का शौक जानलेवा साबित हो रहा है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में विभिन्न् प्रकार के कैंसर के कुल 280 मरीज मिले हैं, जिनमें से 160 मरीज माउथ कैंसर के हंै।
सिम्स से मिले आंकड़े चौंकाने वाले हैं। आज से दो दशक पहले तक कैंसर के मामले कम ही आते थे। इसमें भी ज्यादातर महिलाओं के ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आते थे, लेकिन समय के साथ इस क्षेत्र में पान-गुटखा, तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी का चलन बढ़ा है। वहीं अब इसके गंभीर परिणाम माउथ कैंसर के रूप में सामने आने लगे हंै। सिम्स के कैंसर डिपार्टमेंट की शोध से यह बात सामने आई है कि लोग पान-गुटखा, तंबाकू, बीड़ी-सिगरेट सेवन के गंभीर परिणाम जानने के बाद भी इसका सेवन कम नहीं कर रहे हंै और लगातार इसका सेवन बढ़ता ही जा रहा है। अब इसमें महिलाएं भी पीछे नहीं है और इसका गंभीर परिणाम माउथ कैंसर के रूप में झेल रही हैं। कैंसर डिपार्टमेंट के एचओडी डा. चंद्रहास ध्रुव के मुताबिक पहले माउथ कैंसर के ज्यादातर मामलों में पुरुष ही ग्रसित होते थे, लेकिन अब आंकड़ों में बदलाव आ गया है, महिलाएं भी माऊथ कैंसर से पीड़ित होने की श्रेणी में आ चुकी हैं।
पांच साल से मिल रहा कैंसर मरीजों को स्तरीय इलाज
कुछ साल पहले तक जिले के सरकारी अस्पतालों में कैंसर मरीजों का इलाज मुमकिन नहीं था। मरीज को किसी बड़े निजी अस्पताल जाना पड़ता था या फिर दूसरे शहर व राज्य जाकर इलाज के लिए बाध्य होना पड़ता था। लेकिन जैसे ही साल 2017 में सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) में कैंसर डिपार्टमेंट की शुरुआत की गई, वैसे ही जिले के कैंसर मरीजों को स्तरीय इलाज मिलने लगा है। पांच साल के भीतर सिम्स पहुंचने वाले 750 मरीजों को पूरी तरह ठीक कर दिया है। वहीं 500 मरीज ठीक होने के कगार पर आ गए हैं। इसके अलावा एडवांस स्टेज में पहुंचने वाले 50 प्रतिशत मरीज की जीवन रेखा बढ़ाने में कामयाब हो रहे हैं।
सिम्स में मौजूद हैं ये सुविधाएं
- आयुष्मान भारत खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत सभी प्रकार के कैंसर जांच व इलाज पूरी तरह से निश्शुल्क
- इलाज के लिए 15 बेड का विशेष वार्ड
- सभी प्रकार के कीमोथेरेपी पूरी तरह से निश्शुल्क
- हार्मोन्स थैरपी से इलाज
- नवीनतम इलाज जैसे टारगेट थैरपी व मेट्रोनामिक कीमोथैरेपी
इनकी टीम से संभव हो रहा इलाज
सिम्स के कैंसर डिपार्टमेंट में डाक्टरों की पूरी टीम है। जो एचओडी डाक्टर चंद्रहास ध्रुव के निर्देश में मरीजों का उपचार कर रहे हैं। इसमें डा. सुमन कुमार कुजूर, डा. हिमांशु गुप्ता और डा. ऋचा अग्रवाल मुख्य है।
साल 2022 में मिले इस तरह कैंसर मरीज
माऊथ कैंसर - 160
ब्रेस्ट कैंसर - 25
सवाईकल कैंसर - 36
पेट का कैंसर - 42
बोन कैंसर - 09
ब्रेन कैंसर - 03
ब्लड कैंसर - 07
Posted By: Abrak Akrosh
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