बिलासपुर। Bilaspur News: भाजपा आलाकमान ने महत्वपूर्ण अनुषांगिक संगठन युवा मोर्चा में पदाधिकारियों की तैनाती के लिए उम्र की सीमा तय कर दी है। उम्र को लेकर खींची गई लक्ष्मण का असर भी दिखाई देने लगा है। दिग्गज नेता जिनको मोर्चा की कमान सौंपना चाहते हैं उम्र आड़े आ रही है।
इसके चलते इनकी भी परेशानी बढ़ गई है। मोर्चा की राजनीति में भाग्य आजमाने वाले समर्थक भी संभावना तलाशने लगे हैं। आलाकमान ने युवा मोर्चा की राजनीति करने वाले युवाओं के लिए 35 वर्ष उम्र की सीमा तय कर दी है। इससे अधिक के उम्र वालों को मोर्चा की राजनीति में जिम्मेदारी ना देने की हिदायत दी गई है। लंबे समय से मोर्चा की राजनीति में सक्रिय ऐसे युवा जो उर्जावान तो हैं पर उम्र की सीमा पार कर गए हैं अब उनके लिए मोर्चा की राजनीति दूर की कौड़ी साबित होने लगी है।
दिग्गजों के सामने व्यवहारिक दिक्कत ये कि राजनीतिकतौर पर इनको एडजस्ट नहीं कर पा रहे हैं। मोर्चा की राजनीति में स्थापित ना कर पाने के कारण समर्थकों के सक्रिय राजनीति से दूर होने का खतरा भी दिग्गजों को मंडराने लगा है। कारण भी साफ है दिग्गजों के पीछे घुमने वाले समर्थक राजनीतिक महत्वाकांक्षा के साथ ही राजनीति के मुख्यधारा में स्थापित होने के कारण दिन रात एक किए रहते हैं। अपने नेता के इशारे पर संगठनात्मक गतिविधियों में लगातार सक्रिय रहते हैं। वार्ड से लेकर जिले की राजनीति में सक्रियता का असर भी होता है।
अनुषांगिक संगठनों में एडजस्ट करने की कोशिश
ऐसे मोर्चा भाजपाई जो उम्र बंधन के कारण मोर्चा की राजनीति से बाहर हो रहे हैं दिग्गजों ने अन्य अनुषांगिक संगठनों में राजनीतिक रूप से स्थापित करने की कोशिश तेज कर दी है।
Posted By: sandeep.yadav
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