दंतेवाड़ा। Dantewada Naxal Attack: छत्‍तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में अरनपुर ब्लास्ट में नक्सलियों ने जवानों को हमले में फंसाने के लिए बड़ी साजिश रच रखी थी। इस वारदात को अंजाम देने बड़े नक्सली लीडरों ने प्‍लान तैयार किया था। पुलिस ने जिन नक्सलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है वो सभी नक्सली लंबे समय से दंतेवाड़ा में सक्रिय हैं और कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। अरनपुर घटना में नक्सली किसी भी तरह से जवानों पर हमला करने में चूक न जाएं इसके लिए सड़क पर माइंस का पूरा जखीरा लगा दिया था।

नक्सलियों ने लगाई थी तीन आइईडी

नक्सलियों ने नकुलनार से अरनपुर जाने वाली सात मीटर चौड़ी सड़क पर सुरंग बनाकर तीन आइईडी लगाई थी। तीनों आइईडी का एक ही कनेक्शन किया था। नक्सलियों ने करीब सौ मीटर पर नक्सली बैटरी लेकर बैठे थे। नक्सलियों ने सड़क की चौड़ाई अधिक होने के चलते तीन आइईडी लगा रखे थे। नक्‍सलियों ने दो आइईडी किनारे और एक बीच में लगा रखा था। घटनास्थल पर सर्चिंग के दौरान तीन कनेक्शन मिले थे। नक्‍सलियों ने प्रत्‍येक आइईडी में दो डेटोनेटर लगाए थे। सभी आइईडी का एक ही कनेक्शन सड़क के किनारे से जंगल तक नक्सली तार ले गए थे। बताया जा रहा है कि बीस-बीस किलो की तीन आइईडी नक्सलियों ने लगा रखी थी।

अभी तक दंतेवाड़ा में जितने भी ब्लास्ट अरनपुर घटना से पहले हुए थे सभी सिंगल सड़कों पर नक्सलियों ने किए थे।इन सड़कों की लंबाई 3,75 मीटर की होती है। नक्सली दंतेवाड़ा में इससे पहले पालनार-किरंदुल सड़क पर एंटी लैंड माइंस व्हीकल को सिंगल सड़क पर नक्सलियों ने निशाना बनाया था। इसके बाद कटेकल्याण के गाटम में भी सिंगल सड़क पर लैंड माइंस व्हीकल को नक्सलियों ने ब्लास्ट किया था। मैलेवाडा और श्यामगिरी में भी सिंगल सड़क पर सिंगल आइईडी से नक्सलियों ने ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया था। सुकमा सड़क में चिंगावरम में भी जब घटना हुई थी तब ये सड़क भी सिंगल थी। डबल सड़क होने से नक्सलियों ने पहली बार एक साथ तीन आइईडी प्लांट कर जवानों को निशाना बनाया है।

अभी तक कुछ हद तक डामर और चौड़ी सड़कों को ब्लास्ट से कुछ हद तक सुरक्षित माना जाता था। अरनपुर घटना के बाद अब पुलिस को फिर से नई चुनौती मिली है। सड़क के अंदर गड़े माइंस को मेटल डिडेक्टर से भी पकड़ने में सफलता नहीं मिलती है।

Posted By: Ashish Kumar Gupta

छत्तीसगढ़
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