धमतरी। Dhamtari News एक भालू के गले में चेनलिंक फेंसिंग तार फंसने से मौत हो गई। यह घटना गंगरेल के आक्सीवन क्षेत्र में हुई है। वन विभाग की टीम जांच में जुट गई है। मृत भालू की उम्र तीन से चार माह है। वहीं चेनलिंक तार को पांच-छह साल पुराना बताया जा रहा है, जो टूट चुका है। भालू के शव का पोस्टमार्टम पश्चात अंतिम संस्कार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यहां से बड़े भालू निकल गए होंगे, लेकिन छोटे भालू की तार में फंसने की वजह से मौत हो गई।

धमतरी रेंज के रेंजर महादेव कन्नौजे से मिली जानकारी के अनुसार 24 मई को गंगरेलबांध के आक्सीवन क्षेत्र में एक भालू की मौत चेनलिंक फेंसिंग तार में फंसने से हो गई है। सुबह जब ग्रामीण उस मार्ग से गए, तो भालू को मृत हालत में देखा। लोगों और राहगीरों की भीड़ ने घटना की जानकारी वन विभाग को दी। खबर पाकर रेंजर महादेव कन्नौजे व वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर मुआयना किया, तो पाया कि एक तीन-चार माह का भालू चेनलिंक तार में फंसकर मरा हुआ था। गले में तार फंसने की वजह से मौत हुई है। रेंजर ने बताया कि घटना आक्सीवजन क्षेत्र गंगरेल मार्ग का है। यहां लगाया गया तार फेंसिंग करीब पांच से छह साल पुराना है, जो कई जगह से टूट चुका है। टूटे हुए तार भालू के गले में फंसने की वजह से मौत हुई है।

मोर विचरण क्षेत्र में सुरक्षा नहीं

उल्लेखनीय है कि गंगरेल बांध से खिड़कीटोला, तुमराबहार, विश्रामपुरी, कसावाही क्षेत्र मोर विचरण क्षेत्र है, जहां राष्ट्रीय पक्षी मोर झुंड में दिखाई देता है। जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव ने कुछ माह पहले वन विभाग व जिला प्रशासन से इस क्षेत्र में सुरक्षा के विशेष उपाय करने की मांग की थी, क्योंकि इस क्षेत्र में हिरण व मोर का शिकार होने की आशंका है। पूर्व में वन विभाग व पुलिस ने इस क्षेत्र से बंदूकधारी शिकारी भी पकड़ चुके हैं, लेकिन वन विभाग जंगली- जानवरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। इस क्षेत्र में भालू, हिरण, तेंदुए, मोर समेत कई प्रकार के जंगली-जानवर विचरण करते रहते हैं, ऐसे में यहां सुरक्षा बेहद जरूरी है। समय रहते ध्यान नहीं दिया जाएगा, तो बड़ी अनहोनी की आशंका है।

Posted By: Vinita Sinha

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