धमतरी। जिले में ग्रीष्मकालीन धान फसल पककर तैयार हो गई है। किसान धान की कटाई-मिंजाई में व्यस्त हैं। ऐसे कामकाज के समय में जंगली हाथी आ धमके हैं। वनांचल तहसील नगरी की सीमा से हाथी धमतरी तहसील के जंगल की ओर बढ़ रहे हैं। धमतरी तहसील में बड़े क्षेत्रफल में रबी धान की फसल लगी है। इसलिए किसानों व ग्रामीणों को अपनी फसल और जान की चिंता सताने लगी है।
दरअसल, तीन दंतैल हाथी सप्ताहभर से केरेगांव वन परिक्षेत्र के बनरौद और मारदापोटी के जंगल में विचरण कर रहे हैं। ये हाथी बनरौद, मारदापोटी और माकरदोना के जंगल में आते-जाते रहे। रात में खेतों में आकर किसानों की धान, सब्जी और अन्य फसल को लगतार नुकसान पहुंचा रहे हैं। बनरौद में मनोज कुमार मरकाम की धान फसल को खाकर क्षति पहुंचाई। आठ मई की रात तीनाें हाथियों ने धमतरी-नगरी मुख्य मार्ग को पार किया। इसके बाद ये ग्राम मारदापोटी के जंगल पहुंच गए।
रात में मारदापोटी के कुछ किसानों की धान फसल को खाकर हानि पहुंचाई। नौ मई की सुबह तीनों हाथियों ने ग्राम कुम्हड़ा के कुम्हड़ाईन देवी मंदिर के कमार डेरा के पीछे के जंगल में डेरा डाले हुए हैं। रात में ये हाथी आसपास के गांवों के खेतों की फसल को हानि पहुंचा सकते हैं। वन विभाग के ग्राम बनरौद, मारदापोटी, बांसपारा, माकरदोना और कुम्हड़ा के ग्रामीणाें को अलर्ट किया गया है। लोगों से जंगल न जाने और रात में घरों से बिना कारण बाहर न निकलने की चेतावनी दी गई है।
गंगरेल बांध का डूबान क्षेत्र पसंदीदा स्थान
धमतरी जिले में गरियाबंद और महासमुंद की तरफ से आने वाले जंगली हाथी केरेगांव रेंज होकर गंगरेल बांध के डूबान क्षेत्र में वर्ष में कई बार पहुंचते हैं। डूबान क्षेत्र में जंगल के साथ गंगरेल बांध का जलभराव क्षेत्र हाेने के कारण हाथियों का पंसदीदा स्थल बन गया है। तीन साल में डूबान के तीन लोगों की जान जंगली हाथी ले चुके हैं। हाथियों में कालर आईडी नहीं लगी है, इसलिए निगरानी दल के भरोसे ही नजर रखी जा रही है।
12 से अधिक लोगों की हाथी ले चुके जान
धमतरी जिले में हाथी 12 से अधिक लोगाें को कुचल कर मार चुके हैं। धमतरी जिले के गंगरेल बांध के डूबान क्षेत्र में हाथियों के हमले से पहली मौत विश्रामपुर निवासी संजू मंडावी की हुई। इसके बाद 29 सितंबर 2022 को सिलतरा के पास चनागांव निवासी प्रियेश नेताम की माैत हुई। उसका दोस्त संदीप कुंजाम गंभीर रूप से घायल हो गया। बिरनासिल्ली निवासी कमार युवती सुक बाई, पाइकभाठा निवासी भूमिका मरकाम,पांवद्वार निवासी बुधलाल, पारधी में सुखमा बाई कमार की मौत हो चुकी है। अप्रैल 2020 में नगरी निवासी सिमरन साहू 11 वर्ष अपने पिता शेखर साहू के साथ महुआ बीनने नगरी रेंज के तुमबाहरा के जंगल गई थी। महुआ बिन रही थी, तभी हाथी आ गया। हाथी को देखकर लड़की व पिता भागने लगे, लेकिन लड़की हाथी की चपेट में आ गई। हाथी ने छात्रा को कुचल कर मार डाला। अप्रैल माह में तीन दिनों में हाथी के हमले से पांच लोगों की मौत हुई थी। भालुचुआ गांव के कमारपारा निवासी कमला बाई को हाथियों ने पटक-पटक कर मारा डाला था।
टीम लगातार निगरानी कर रही
धमतरी डीएफओ मयंक पांडेय ने बताया कि हाथियों पर नजर रखने हाथी प्रभावित सभी रेंज में टीम बनाई गई है। हाथियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। जिन क्षेत्रों में हाथियों का विचरण है, वहां के ग्रामीण जंगल न जाएं। रात में यात्रा करने अथवा जंगल के क्षेत्र से होकर गुजरने से बचें। गांवों में मुनादी करवाकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है।
Posted By: Vinita Sinha
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