जगदलपुर। Jagdalpur: बस्तर में ग्रामीणों के पलायन का सिलसिला नहीं थम रहा है। यहां से आंध्र प्रेदश, तेलंगाना, कर्नाटक व तमिलनाडु आदि राज्यों में स्थानीय दलालों द्वारा बड़ी संख्या में ग्रामीण युवक-युवतियों को अधिक पगार का लोभ देकर भेजा जाता रहा है। वहां ठेकेदार द्वारा उनके शोषण व बंधक बनाने के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक प्रकरण सामने आया है। जिले के कुम्हरावंड क्षेत्र निवासी युवक सुखराम कुमेटी ने कलेक्टर के समक्ष अपनी आपबीती बताई है। शेष बंधक श्रमिकों को रिहा कराने की गुहार लगाई है। ज्ञात हो कि सोमवार को नईदुनिया ने पलायन पर विशेष रपट प्रकाशित की है।

कलेक्टर से बाकी मजदूरों को छुड़ाने की मांग

ग्रामीणों समेत कलेक्टर चंदन कुमार से मिलने पहुंचे श्रमिक सुखराम ने बताया कि कुछ महीने पहले बस्तर जिले से उसके साथ पांच मजदूर भद्राचलम के एक ठेकेदार से संपर्क में आकर मजदूरी के लिए आंध्र प्रदेश के गुंटूर गए हुए थे। जहां भद्राचलम के ठेकेदार ने गुंटूर के ठेकेदार से उन्हें मिलाया और भवन निर्माण में मजदूरी करने के लिए रोजी के हिसाब से 500 देने की बात कही।

सुखराम ने बताया कि ठेकेदार के पास पहले ही बस्तर संभाग के बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा से करीब 20 मजदूर काम कर रहे थे, वहीं बस्तर जिले के भी पांच मजदूरों को ठेकेदार ने मजदूरी का काम दिया। लेकिन दो-तीन दिन के बाद ठेकेदार ने सभी मजदूरों को पैसे देना बंद कर दिया और सभी के बैग और मोबाइल भी छीन लिए। साथ ही उन्हें खाना भी ठीक से नहीं दिया जाता था।

ठेकेदार मारपीट और करते हैं शोषण

पिछले कई दिनों से ठेकेदार के द्वारा मजदूरों से मारपीट करने के साथ उनका शोषण भी किया जा रहा है, और सभी मजदूरों को ठेकेदार ने बंधक बना लिया है। सुखराम ने बताया कि जैसे तैसे वह आधी रात को ठेकेदार को चकमा देकर भाग निकलने में कामयाब रहा। पैसे के अभाव में इधर-उधर से लिफ्ट लेकर करीब दो दिनों बाद अपने घर पहुंचा और गांव वालों को इसकी जानकारी दी।

इसके बाद बस्तर कलेक्टर के पास पहुंच उसके साथ हुए और अन्य मजदूरों के साथ हो रहे शोषण की जानकारी दी। साथ ही बस्तर समेत सुकमा व बीजापुर जिले से भी 25 से ज्यादा बस्तर के ग्रामीणों को ठेकेदार के द्वारा बंधक बनाने की भी जानकारी कलेक्टर को दी।

फिलहाल इस मामले में बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने जल्द ही एक टीम गठित कर बंधक मजदूरों को रिहा करवाने की बात कही है, और ठेकेदार पर कार्रवाई का भी आश्वासन दिया है। गौरतलब है कि शासन मनरेगा के तहत मजदूरों को रोजगार देने का दावा करती रही है, लेकिन इसके बावजूद यहां से बड़ी संख्या में पलायन व मानव तस्करी जैसे घटनाएं हो रही हैं।

Posted By: Ashish Kumar Gupta

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