जगदलपुर। Jagdalpur News मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक दिन के प्रवास पर गुरुवार को जगदलपुर पहुंचे। जहां उन्होंने कुम्हारावंड स्थित शहीद गुंडाधुर कृषि महाविद्यालय परिसर में भूमपाल विद्रोह के जननायक रहे वीर गुंडाधुर की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। वहीं इस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने आदिवासी संस्कृति को अक्षुण्ण रखने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए समाज के नायकों ने सदैव मुखर होकर काम किया। इन्हीं में से एक गुंडाधुर भी थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि बस्तर के आदिवासी जननायकों में से एक रहे वीर गुंडाधुर ने भूमकाल जैसे महान विद्रोह का नेतृत्व किया। आज यहां उनकी प्रतिमा स्थापित कर उनके योगदान को चिरस्थाई बनाने का काम किया गया है। महाविद्यालय परिसर में प्रतिमा स्थापित होने से हमारे युवा भी उनके अदम्य साहस और वीरता से परिचित हो सकेंगे। बस्तर क्षेत्र में स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आदिवासी संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन के लिए बस्तर के आदिवासी नायक सदैव मुखर रहे और अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। सरकार भी बस्तर सहित समूचे छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति को सहेजने लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। ज्ञात हो कि बस्तर आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण मद से स्वीकृत दस लाख की राशि से प्रतिमा तैयार कर स्थापित की गई है।

गुंडाधुर के स्वजन से मिले मुख्यमंत्री

समारोह में ग्राम नेतानार से पहुंचे वीर गुंडाधुर के स्वजन में उनके परपोते जयदेव नाग पुनु नाग, दुलारू नाग, परदेसी नाग भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इनसे मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इनसे गांव का हाल चाल और विकास की जानकारी भी ली। इस अवसर पर मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, विधायकगण, महापौर, कांग्रेस के नेता और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

कौन थे वीर गुंडाधुर

जगदलपुर से 30 किलोमीटर दूर ग्राम नेतानार के वीर गुंडाधुर ने जल, जंगल, जमीन और आदिवासी संस्कृति को बचाने के लिए अंग्रेजों के विरूद्ध 1910 में बस्तर के भूमकाल आंदोलन का नेतृत्व किया था। इस आंदोलन ने सम्पूर्ण बस्तर को हिलाकर रख दिया था। इस आंदोलन के पीछे अनेक कारण थे। इनमें वन नीति, अनिवार्य शिक्षा, धर्म परिवर्तन, बेगारी प्रथा, नौकरशाही आदि भी प्रमुख थे। गुंडाधुर के नेतृत्व में आदिवासियों ने तीर-धनुष और भाला-फरसा के साथ अंग्रेजी सेना का डटकर मुकाबला किया।

Posted By: Vinita Sinha

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