जगदलपुर। गर्मी के वर्तमान सीजन में जलसंकट की स्थिति का सामना कर रहे कुछ निस्तारी तालाबों को बांधों के पानी से भरने का काम जल संसाधन विभाग ने प्रारंभ कर दिया है। इस साल संभाग के 42 ग्रामों के 52 तालाबों को भरने का लक्ष्य तय किया गया है। अभी तक इनमें से 27 तालाबों को भरा जा चुका है। जल संसाधन विभाग के अधीन संभाग में तीन मध्यम और दो सौ लघु सिंचाई जलाशय हैं।
इस वर्ष अधिकांश जलाशयों में पानी नहीं के बराबर अथवा छोड़ने लायक स्थिति में नहीं है। इस कारण केवल बस्तर और कांकेर जिले में भी बांधों से नहरों में पानी छोड़कर तालाबों तक पहुंचाया जा रहा है। कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा जिले में सिंचाई जलाशयों में पानी की कमी के कारण यहां एक भी तालाब में पानी भरना संभव नहीं है। जलभराव क्षमता के मामले में संभाग के सबसे बड़े बांध बस्तर विकासखंड स्थित कोसारटेडा से इसके कमांड क्षेत्र में स्थित 25 ऐसे तालाब जो पूरी तरह से सूख गए थे में पानी भरा जा रहा है।
जल संसाधन विभाग के इंद्रावती परियोजना मंडल के अधीक्षण अभियंता करण सिंह भंडारी का कहना है कि बचे हुए तालाबों को भी 15 मई तक पानी से भर दिया जाएगा। इसके बाद भी यदि किसी और क्षेत्र से निस्तारी तालाब को भरने की मांग आती है तो बांध के कमांड क्षेत्र में होने तथा बांध से पानी छोड़ने की स्थिति होने पर जरूर भरा जाएगा। निस्तारी जल के संकट की स्थिति से निपटने को लेकर विभाग गंभीरता से प्रयास कर रहा है।
इन तालाबों को भरा गया
बस्तर जिले में कोसारटेडा बांध के पानी से अब तक 16 तालाबों को भरा जा चुका है। कोसारटेडा परियोजना की मुख्य एवं वितरक नजर नहरनी, केसरपाल, भानपुरी, कुम्हली, फाफनी, करंदोला, बोड़नपाल, छोटे आमावाल, चमिया, बेसोली, बाकेल, देवड़ा, सोनारपाल, बड़े अलनार, सिवनी और बालेंगा के माध्यम से तालाबों में पानी भरने का काम जारी है। इसी तरह कांकेर जिले में मरकाटोला तालाब, माहौद, बिरनपुर, रिसेवाड़ा, सोनपुर जलाशय क्रमांक-एक, सोनपुर जलाशय क्रमांक-दो, मानिकपुर, राजपुर, मुजालगोंदी, सारवंडी, धनेसरा, सिहारी, खमढ़ोरगी, मनकेसरी, बांधापारा, पांडरवाही, बांधापारा-दो, पिच्चेकट्टा, जनकपुर, आसुलखार, रारवाही, नेलचांग, डोरडे, जयरामपारा, पलाचुर और चारगांव सिंचाई जलाशय से नहर के माध्यम से तालाबों को भरने की योजना है। यहां भी तालाबों को एक-एक करके भरा जा रहा है।
Posted By: Nai Dunia News Network