जगदलपुर। संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शुक्रवार को नगरनिगम क्षेत्र के कंगोली में कृष्ण कुंज का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर कृष्ण कुंज में मौलश्री का पौधा लगाया। जैन ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों को पौधारोपण के लिए प्रेरित करने की जरूरत है।

मकान बनाते समय कुछ जमीन बगिया के लिए आरक्षित कर कृष्ण कुंज तैयार करने का आव्हान करते हुए संसदीय सचिव ने कहा कि लोग जागरूक होंगे तभी पर्यावरण संरक्षित रह पाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पारंपरिक वृक्षों के संरक्षण के लिए यह कृष्ण कुंज की अभिनव पहल की है। शहरी क्षेत्रों में पेड़ पौधों की कमी का प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। वृक्ष पर्यावरण के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं तथा पारंपरिक पेड़ पौधों को विलुप्त होने से बचाना आवश्यक है।

उन्होंने नागरिकों से अपने पर्यावास के आसपास खाली भूमि पर वृक्षारोपण की अपील भी की। कार्यक्रम में महापौर सफीरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष कविता साहू, पार्षद दयाराम कश्यप, मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद, कलेक्टर चंदन कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास, वन मंडलाधिकारी डीपी साहू, नगर निगम आयुक्त दिनेश नाग सहित उपस्थित जनप्रतिनिधियों व वार्डवासियों ने भी कृष्ण कुंज में पौधे लगाए। महापौर सफीरा साहू ने कहा कि पर्यावरण की आवश्यकता को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इसी वर्ष 26 जनवरी को कृष्ण कुंज बनाने की घोषणा की गई थी। कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर यह साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पारंपरिक वृक्षों के महत्व को देखते हुए इन्हें रीति रिवाजों में भी शामिल किया गया है। कृष्ण कुंज के माध्यम से नई पीढ़ी भी इनके महत्व को समझेगी।

मनोरंजन का केंद्र होगा कृष्ण कुंज

मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में पारंपरिक वृक्षों से सुसज्जित यह उद्यान लोगों के स्वास्थ्य और मनोरंजन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल बनेगा। यह लोगों को जीवन में वृक्षों के महत्व से भी अवगत कराएगा। कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि वृक्षारोपण पुण्य का कार्य है। इससे जनता में पर्यावरण के साथ ही जल जंगल और जमीन के प्रति भी जागरूकता बढ़ेगी। वन मंडलाधिकारी डीपी साहू ने बताया कि यहां एक एकड़ क्षेत्रफल में विकसित कृष्ण कुंज में बरगद, पीपल, नीम, कदम्ब, आम आदि पारंपरिक और जीवनोपयोगी पौधे लगाए गए हैं।

Posted By: Nai Dunia News Network

छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़