जगदलपुर। आदिवासी बहुल बस्तर की शिल्पकला के क्रददान देश दुनिया भर में हैं। भारतीय रेलवे भी यहां के हुनरमंद शिल्पकारों की शिल्पकला का कायल है। शिल्पकला की ब्रांडिंग व इसके लिए बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रेलवे ने भी कदम बढ़ाने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार की योजना वन स्टेशन वन प्रोडक्ट (एक स्टेशन एक उत्पाद) के लिए जगदलपुर स्टेशन का भी चयन किया गया है।
वाल्टेयर रेलमंडल के अंतर्गत चयनित 15 स्टेशनों में विशाखापटनम, विजयनगरम जैसे एक ग्रेड के बड़े स्टेशनों के साथ इस योजना में छोटे स्टेशन जगदलपुर को भी शामिल गया है। 22 अप्रैल को चयनित 15 स्टेशनों की सूची ईस्ट कोस्ट रेल जोन के माध्यम से रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी। जगदलपुर स्टेशन को इस योजना में यहां की शिल्पकला विशेषकर बेलमेटल, काष्ठ शिल्प और लौह शिल्प को लेकर करना बताया गया है।
ज्ञात हो कि बस्तर की शिल्पकला से बड़ी संख्या में कलाकार जुड़े हैं। कोंडागांव को प्रदेश की शिल्पनगरी भी कहा जाता है। बस्तर संभाग के कुछ क्षेत्र विशेष में यह काम कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है। राज्य शासन विशेषकर बस्तर जिला प्रशासन यहां की कला संस्कृति को प्रोत्साहित करने की दिशा में काफी काम कर रहा है।
इसके कारण शिल्पकला की ख्याति लगातार बढ़ रही है। वन स्टेशन वन स्टेशन योजना की शुरूआत में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ईस्ट कोस्ट रेल जोन के अंतर्गत हर रेलमंडल से एक-एक स्टेशन को लिया गया था। जगन्नााथपुरी, संबलपुर और विशाखापटनम स्टेशन में अच्छा परिणाम मिलने के बाद इसका विस्तार किया जा रहा है।
स्टेशन में सजेगी दुकान
वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के अंतर्गत रेलवे की ओर से शुरूआत में 15 दिनों के लिए एक हजार रुपये शुल्क लेकर स्टेशन में दुकान लगाने के लिए जगह दी जाएगी। जहां कोई भी संस्था या व्यक्ति किसी एक उत्पाद की दुकान खोलकर व्यापार कर सकता है। इसके माध्यम से पर्यटकों व रेल यात्रियों को बस्तर की शिल्पकला से जुडी कलाकृतियां स्टेशन में ही उपलब्ध हो जाएंगी। मई माह से इसका क्रियान्वयन शुरू हो जाने की उम्मीद की जा रही है।
Posted By: Nai Dunia News Network
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