जांजगीर-चांपा। प्राकृतिक आपदा में मृत्यु का तीन पुर्जी प्रकरण बनाकर 12 लाख रूपए निकलवाने का प्रयास करने वाले तहसील अधिवक्ता संघ नवागढ़ के अध्यक्ष की जमानत अर्जी प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश जून ने खारिज कर दी ।

कलेक्टर कार्यालय के सहायक ग्रेड 2 उमेश साहू ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 3 मार्च को कार्यालयीन समय में तहसील कार्यालय जांजगीर में पदस्थ नायब नाजिर के द्वारा आरबीसी 6- 4 के तहत दिए जाने वाली सहायता राशि से संबंध्ाित तीन आदेश की प्रति जांच के लिए कलेक्टोरेट कार्यालय लाया गया। इन तीनों आदेश में से एक आदेश में 25 नवंबर 2022 दूसरे में 30 दिसंबर 2022 तथा तीसरे में 23 दिसंबर 2022 अंकित था। जांच करने पर पता चला कि ये तीनों आदेश कलेक्टर कार्यालय से जारी नहीं किया गया है तथा इस आदेश में पुर्जी तरीके से 12 लाख रूपए प्रति प्रकरण के हिसाब से निकलवाने का प्रयास किया जा रहा था।

इस आदेश में संयुक्त कलेक्टर निशा नेताम मंडावी का पुर्जी हस्ताक्षर किया गया था। चूंकि कलेक्टर कार्यालय से प्राकृतिक आपदा के तहत सहायता राशि की स्वीकृति आदेश जारी होने के बाद तहसील कार्यालय में देयक तैयार किया जाता है। चूंकि आदेश तीन माह पुराना था तथा एक साथ तीन आदेश एक ही व्यक्ति अध्ािवक्ता तुलसीराम घृतलहरे के द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस कारण नाजिर कार्यालय से यह प्रकरण पुष्टि के लिए कलेक्टर कार्यालय के सहायक गे्रेड दो उमेश साहू के पास लाया गया था। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि तुलसीराम घृतलहरे के द्वारा कूट रचना कर पुर्जी दस्तावेज तैयार किया गया एवं शासकीय कार्यालय को गुमराह करके 12 लाख रूपए गबन करने की कोशिश की गई।

पुलिस ने इस मामले में अध्ािवक्ता तुलसीराम घृतलहरे के खिलापु भादवि की ध्ाारा 420, 467, 468 के तहत अपराध् दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर न्यायायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। उसकी पत्नी ने जमानत के लिए सत्र न्यायालय में अर्जी लगाई जिसकी सुनवाई करते हुए प्रथम अपर सत्र न्यायाध्ाीश सुरेश जून ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि संयुक्त्ा कलेक्टर का फर्जी हस्ताक्षर कर प्रथम दृष्टया दस्जावेजों में कुटरचना की गईहै और इसमें आरोपित की भूमिका दिखती है। ऐसी स्थिति में उन्हें जमानत का लाभ दिया जाना इस स्तर पर उचित प्रतीत नहीं होता।

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