अकलतरा । हाथी देखने गए एक युवक की मौत हो गई। वहीं उनके दो साथियों का मोबाइल बंद है। पीएम के बाद भी यह स्पष्ट होगा कि युवक की मौत हाथी के कुचलने से हुई है या भागते समय गिरने से। बहरहाल वन विभाग ने उसके स्वजन को इस शर्त पर 25 हजार रुपये की अंतरिम सहायता राशि दी है कि अगर पीएम में उसकी मृत्यु हाथी क कुचलने से होने की रिपोर्ट आती है तो उन्हें नियमानुसार पूरी राशि दी जाएगी अन्यथा 25 हजार रुपये वापस ले लिए जाएंगे।
पिछले दो दिन से जिले में हाथियों का दल जमा हुआ है। रविवार की सुबह हाथियों का दल पामगढ़ क्षेत्र के ग्राम झूलन पकरिया के जंगल में पहुंचा। इसकी सूचना मिलने पर अकलतरा के अंबेडकर चौक निवासी विजय भारद्वाज (30) पिता गणेश राम अपने दो साथियों मुरलीडीह निवासी रामसागर जोशी और पोड़ी दल्हा निवासी नंदू के साथ हाथी देखने बाइक पर गए। कुछ देर बाद जहां हाथी रूके थे उसके कुछ दूरी पर विजय भारद्वाज घ्ाायल अवस्था में पड़ा था। वन विभाग व ग्रामीणों ने उसे वहां से बाहर निकाला और उसे उसके घ्ार पहुंचाया गया। यहां से उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था इस दौरान उसकी मृत्यु हो गई। विजय भारद्वाज के स्वजन का कहना है कि जब उसे घ्ार लाया गया तो उसने हाथी द्वारा कुचलने जाने की बात कही। मगर अस्पताल ले जाते समय उसकी मृत्यु हो गई। उसके स्वजन हाथी के कुचले जाने से मृत्यु की बात कह रहे हैं।
जबकि वन विभाग का कहना है कि युवक की मौत बाइक में भागते समय गिरनेया अन्य कारणों से हुई है। स्वजनों व मोहल्लेवासियों द्वारा युवक की मौत्ा हाथी के हमले से होने की बात कहने पर वन विभाग ने एक रास्ता निकाला और मृतक के स्वजन को 25 हजार रुपये की अंतरिम सहायता राशि इस शर्त पर दी गई कि अगर पीएम रिपोर्ट में युवक की मृत्यु हाथी द्वारा कुचले या पटके जाने से होने की बात आती हैतो उन्हें नियमानुसार शेष मुआवजा राशि भी दी जाएगी मगर मृत्यु अन्य कारणों से होने की बात सामने आने पर वह राशि वापस ले ली जाएगी। इस तरह 25 हजार रुपये स्वजन को मिल गए मगर पीएम रिपोर्ट के बाद ही सोमवार को यह स्पष्ट होगा कि युवक की मृत्यु आखिर कैसे हुई है। इध्ार युवक के साथ हाथी देखने गए उसके दोनों साथियों का मोबाइल बंद हैऔर वे घ्ार में भी नहीं है। विजय भारद्वाज ट्रक ड्राइवर था और घ्ार में पत्नी दो बेटे व एक बेटी हैं।
गज दर्शन बनी मुसीबत
हाथियों पर निगरानी रखने व लोगों को सचेत करने के लिए पुलिस व वन विभाग की टीम आस पास लगी हैमगर इनके काम में सबसे बड़ा व्यवध्ाान गज दर्शन करने वाले लोग बन गए हैं। वन विभाग के अध्ािकारी कर्मचारी इससे परेशान हैंयहां तक जिला पंचायत व जनपद सदस्य के अलावा अन्य जनप्रतिनिध्ाि भी बकायदा कार पर सवार होकर गज दर्शन करने पहुंच रहे हैं। राजनीतिक रूतबे में होने के कारण उन्हें वे मना भी नहीं कर पा रहे हैं और इस तरह अनहोनी भी हो रही है।
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Posted By: Yogeshwar Sharma