जांजगीर - चांपा । सूरजपुर में डाक्टर से मारपीट के विरोध में प्रदेश भर के डाक्टरों के एसोसिएशन ने आरोपितों की मांग को लेकर गिरफ्तारी सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है। डाक्टर ने काली पट्टी लगाकर काम कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने शुकवार को सिर में पट्टी बांध्ाकर काम किया।
सूरजपुर में डाक्टर अनिश के साथ मारपीट की घटना में एफआईआर दर्ज होने के बाद गैर जमानती धारा लगाने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने से डाक्टर इसके विरोध्ा में उतर आए हैं और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर पहले डाक्टरों ने काली पट्टी लगाकर विरोध्ा प्रदर्शन किया। इसके बाद भी जब आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो शुक्रवार को सिर में प्रतिकात्मक पट्टी बांध्ाकर प्रदर्शन किया। सीडा के प्रदेश अध्यक्ष डा. इकबाल हुसैन ने बताया कि होली के दिन सूरजपुर के जिला अस्पताल में अनीस कुमार मरीजों की इलाज कर रहे थे। तभी नशे में धुत्त कुछ स्थानीय रसूखदार युवक डाक्टर से गाली-गलौच करने लगे। इसके बाद जमकर मारपीट भी की।
मारपीट के बाद डाक्टर की रिपोर्ट पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया, मगर आरोपितों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। आरोपित खुले में घुम रहे है और इधर डाक्टर डर के साए में काम कर रहे हंै। प्रदेश में डाक्टरों पर की जाने वाली हिंसा के विरूद्ध विरोध करने न्याय दिलाने तथा हिंसा रोकने के उद्देश्य से बनी छत्तीसगढ़ डाक्टर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी जूडो, रेगुलर जूडो, एफएमजी, मेडिकल टीजर्स एसोसिएशन व सीडा द्वारा सर में पट्टी लगाकर प्रदेश भर के अस्पतालों में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया गया। इसके पहले काली पट्टी लगाकर किया जा चुका है।
सोमवार को ऐच्छिक अवकाश लेकर करेंगे विरोध्
डा. हुसैन ने बताया कि सोमवार को भारत की प्रथम महिला स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना अवंती बाई लोधी के बलिदान दिवस के स्मृति व अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने के प्रतीक के रूप में ऐच्छिक अवकाश लिया जाएगा। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में सभी डाक्टर्स कार्य का बहिष्कार किया जाएगा।
पांच सूत्रीय मांगों में यह है शामिल
सभी मेडिकल वायलेंस के प्रकरण में 24 घंटे के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए, प्रत्येक डॉक्टर को लाइसेंस के साथ रिवाल्वर दिया जाए, जिससे वह स्वयं की सुरक्षा कर सकें, चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों से किसी भी प्रकार की अभद्रता एवं हिंसा की स्थिति में इंस्टीट्यूशनल एफआईआर कंपलसरी किया जाए और इसके लिए दिशा-निर्देश वह गाइडलाइन राज्य सरकार द्वारा जारी किए जाएं,
किसी भी प्रकार का वायलेंस होने पर संबंधित डाक्टर को 15 दिन की विशेष अवकाश की पात्रता का प्रावधान किया जाए, स्वास्थ्य विभाग में ठेका सिस्टम बंद किया जाए एवं इसके स्थान पर सिक्योरिटी गाड्र्स की नियमित भर्ती की जाए, तब तक प्रत्येक सिक्योरिटी गार्ड की सैलरी न्यूनतम 25 हजार प्रति माह किया जाए, ताकि वह बेहतर व सुरक्षित वित्तीय स्थिति में अधिक समर्पण भावना के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन
Posted By: Yogeshwar Sharma
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