जांजगीर चांपा। नईदुनिया न्यूज। माघी पूर्णिमा पर आज से शिवरीनारायण में मेला प्रारंभ हुआ। बह्म मुहुर्त में महानदी में स्नान करने हजारों श्रद्घालु उमड़ पड़े। स्नान के बाद श्रद्घालुओं ने दीपदान किया। शिवरीनारायण व अन्य मंदिर पहुंचकर लोगों ने पूजा-अर्चना की। बड़ी संख्या में श्रद्घालु लोट मारते हुए मंदिर पहुंचे।

शनिवार की दोपहर से ही महानदी में पुण्य स्नान और भगवान के दर्शन के लिए लोगों का आगमन शुरु हो गया था। आसपास के गांव सहित ओडिसा के श्रद्घालु बड़ी संख्या में पहले ही पहुंच गए थे। मंदिरों में भजन, कीर्तन विशेष पूजा, आरती, हवन, जप-तप रामायण पाठ चलता रहा। रविवार की अलसुबह श्रद्घालु महानदी तट स्थित जनकपुर घाट, रामघाट, सीताघाट, बाबाघाट, साव घाट, पचरी घाट, डोंगाघाट, खानसामा घाट, रपटा घाट, पुलघाट में पहुंचे और पुण्य स्नान कर दीपदान किया। इसके पश्चात वे शबरीनारायण मंदिर पहुंचे।

सुबह से ही मंदिर में श्रद्घालुओं की भीड़ लगी थी। सुबह 4 बजे मंदिर का पट खुला और सर्वप्रथम पुजारी चित्रसेन तिवारी ने भगवान की महाआरती की। इसमें शिवरीनारायण मठ के महंत रामसुंदर दास, मुख्तियार सुखराम दास, दिलीप तिवारी, त्यागी महाराज, अजीत सेन और आशीष तिवारी व अन्य लोग उपस्थित थे। इसके बाद भक्तो के दर्शन के लिए मंदिर का पट खोल दिया गया। पुरा मंदिर परिसर शिवरीनारायण भगवान की जयघोष से गूंज उठा।

पूजा अर्चना के बाद श्रद्घालु राम मंदिर, मठ मंदिर, चंद्रचूड़ महादेव मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, पटेल मंदिर, चौबीस अवतार श्री राम मंदिर, काली मंदिर, दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर, सिंदुरगिरी में भी पूजा अर्चना की। मनोकामना पूर्ति के लिए लोट मारते हुए श्रद्घालु बड़ी तादात में मंदिर पहुंचे और मनोकामना पूर्ण करने मत्था टेका। इसके बाद लोगों ने जमकर खरीददारी की। शबरी सेतु से लेकर जनकपुरी तक श्रद्घालुओं की भीड़ थी। मेला महाशिवरात्रि तक चलेगा। इस दिन लक्ष्मणेश्वर मंदिर में श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ेगी।

पुरी के जगन्नाथ मंदिर में नहीं लगता भोग

माघी पूर्णिमा को पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में भोग नहीं लगता क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान जगन्नाथ शिवरीनारायण में विराजते हैं। इसलिए उनकी पूजा-अर्चना के साथ यहीं भोग लगाया जाता है। मेला को लेकर पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। नगर के सभी प्रवेश मार्गों पर बेरीकेट्स लगाए गए हैं।

नर-नारायण का आकर्षक श्रृंगार

मंदिर में भगवान नर-नारायण का राजसी श्रृंगार किया गया। रत्न जड़ित मुकुट, नए स्वर्ण आभूषण तथा आकर्षक परिधान में भगवान की शोभा देखते ही बन रही है। पूᆬल-मालाओं से आकर्षण और बढ़ गया था।

साधु-संतों ने किया शाही स्नान

शिवरीनारायण मठ के मठाधीश महंत रामसुंदर दास की अगुवाई में साधु संतों ने त्रिवेणी संगम पहुंचकर बाबा घाट में शाही स्नान किया। भजन कीर्तन तथा बाजे-गाजे के साथ निकली यह यात्रा लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना रहा।

उखरा का लगा भोग

उखरा को भगवान शिवरीनारायण का प्रसाद माना जाता है। लाई और गुड़ से बना उखरा लोकप्रिय है। भगवान को इसका भोग लगाया गया। इस बार भी उखरा की सौ से अधिक दुकानें लगी है। इनमें से ज्यादातर लोग ओडिसा के हैं। मेले में सर्कस, झूला, मौत कुआं, टूरिंग टाकिज, मीना बाजार सहित विभिन्न चीजों की सैकड़ों दुकानें लगी है।

श्रद्घालुओं ने जमकर की खरीददारी

स्नान व दर्शन के बाद मेले में श्रद्घालुओं ने जमकर खरीददारी की। यहां झूला, मौत कुआं, टूरिंग टाकिज, मीना बाजार सहित विभिन्न चीजों की सैकड़ों दुकानें लगी है। लोगों ने कपड़े, सौंदर्य प्रसाधन, बर्तन व अन्य दुकानों में खरीददारी की। मेले में पᆬल, कृषि औजार, पूजा सामग्री आदि की दुकानें लगी है।

Posted By: Manoj Kumar Tiwari

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