जांजगीर-चांपा । रायगढ़ सीमा से सक्ती जिला होते हुए जांजगीर-चांपा जिले में हाथियों का दल चौथे दिन पामगढ़ क्षेत्र के झूलन पकरिया के जंगल में दिन भर रहे । इसके बाद देर शाम वे झलमला के जंगल की ओर चले गए। वन अमला ने आसपास के ग्रामीणों को सावधान कर दिया है। हाथी को देखने वालों की भीड़ उमड़ रही है। लोगों से आग्रह करने के बाद भी वे नहीं मान रहे हैं। चार दिन से हाथियों का दल जांजगीर-चांपा जिले में है मगर वन विभाग बेबस है।

गुरूवार 2 फरवरी को ग्राम पंचायत अमलडीहा के आश्रित ग्राम अमली टिकरा में रात्रि के समय हाथियों का एक समूह घ्ाुस गया। इसमें दर्जन भर हाथी हैं। गुरूवार की शाम भालू डेरा गांव में वहां के युवक दुर्गेश (25) पिता महादेव कोएक हाथी ने दौड़ाया और उसके कमर को कुचल दिया। इसके बाद वह वापस लौट गया। हाथियों का दल शुक्रवार को जैजैपुर क्षेत्र के पर्थरा, लखाली की ओर पहुंचा। ग्राम पर्थरा में खेत में काम कर रहे ग्राम कारीभावर निवासी गोरेलाल रात्रे (32) पिता मोहित राम को अपनी चपेट में ले लिया और सूंड़ में लपेटकर उसे पटक दिया इससे उसकी मौत हो गई।

तीसरे दिन हाथियों का दल हसदेव नदी पार कर नवागढ़ ब्लाक के ग्राम अमोरा पहुंच गया उसके आगे मुड़पार में कोसा बाड़ी में दिन भर जमे रहे। रविवार की सुबह हाथियों का दल पामगढ़ क्षेत्र के झूलन पकरिया के जंगल में डेरा जमाए रहा। देर शाम वे झलमला के जंगल की ओर गए। वन और पुलिस विभाग ने आसपास के ग्रामीणों को एलर्ट कर दिया है। साथ ही हाथी को देखने के लिए पहुंच रहे लोगों को सलाह भी दी जा रही कि वे हाथी को देखने न आए । मगर लोग मान नहीं रहे हैं और हाथी देख्ाने वालों की भीड़ पहुंच जा रही है।

Posted By: Yogeshwar Sharma

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