जशपुरनगर। सौर ऊर्जा से शहर की गलियों को रौशन करने की योजना नगरपालिका और अक्षय ऊर्जा विभाग के बीच फंसकर दम तोड़ने लगा है। देखरेख की अभाव में शहर के प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित सौर ऊर्जा चलित स्ट्रीट लाइट अंधेरे में डूबने लगा है। वहीं शहर को रोशन करने की जिम्मेदारी सम्हालने वाली नगर सरकार बीते 6 साल से सड़कों को रोशन करने के लिए शासन से एलईडी बल्ब आपूर्ति होने का राह ताक रही है। सरकारी विभागों में तालमेल और सरकारी नियमों के जाल में उलझकर आम जनता,अंधेरे का अभिशाप झेलने के लिए विवश है।
जानकारी के लिए बता दें कि अक्षय ऊर्जा विभाग के सहयोग से शहर के बस स्टैंड कांग्रेस कार्यालय के सामने भागलपुर चौक और बालासाहेब देशपांडे बाल उद्यान में सौर ऊर्जा चलित हाई मास्ट स्ट्रीट लाइट स्थापित किया गया था। इस दौरान विभाग की ओर से दावा किया गया था कि खंबे में लगे हुए पैनल की मदद से सूर्य की किरण से बैटरी चार्ज होकर शहर को रौशन करेगा। अधिकारियों का दावा था कि बिजली गुल होने की स्थिति में भी शहर की मुख्य सड़कें रोशन हो सकेगी। लेकिन सरकार की यह योजना दो विभाग के बीच में फंसकर दम तोड़ने लगा है। दरअसल बस स्टैंड के आसपास लगे हुए सौर ऊर्जा हाई मास्ट लाइट के बल्ब बंद हो चुके हैं। अक्षय ऊर्जा विभाग के सहायक अभियंता संदीप बंजारे से जब नईदुनिया ने इस संबंध में चर्चा की तो उनका कहना था कि स्थापित किए गए सभी हाई मास्ट लाइट की गारंटी अवधि खत्म हो चुकी है। अब इनके मेंटेनेंस की जिम्मेदारी नगरपालिका की है। वहीं नगरपालिका का कहना है कि सौर ऊर्जा चलित इन स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस के लिए प्रशिक्षित मैकेनिक उनके पास उपलब्ध नहीं है।
बल्ब आपूर्ति का बाट जोह रहा है नगरपालिका
वहीं दूसरी ओर शहर में स्ट्रीट लाइट की स्थिति भी ठीक नहीं है। शहर के कई वार्डों में खंबे में लगी हुई बल्ब फ्यूज हो चुकी है। सड़क अंधेरे में डूबी हुई है। लेकिन नगर सरकार के पास इन्हें बदलने के लिए बल्ब ही नहीं है। सीएमओ ज्योत्सना टोप्पो ने बताया कि खराब बल्ब को बदलने के लिए शासन ने नए एलईडी बल्ब की मांग की गई है। लेकिन इसकी आपूर्ति अब तक नहीं हो पाई है। बल्ब मिलने पर इन्हें तत्काल बदला जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2016 से बल्ब की स्थानीय स्तर पर खरीदी पर शासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। बल्ब आपूर्ति व्यवस्था का केन्द्रीयकरण करते हुए पूरे प्रदेश में बल्ब आपूर्ति की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी गई है। लेकिन नगरीय निकायों को जिस मात्रा में बल्ब की जरूरत है,इसकी पूर्ति शासन स्तर से नहीं हो पा रही है।
वर्जन
शहर में स्थापित हाईमास्ट स्ट्रीट लाइट की गारंटी अवधि समाप्त हो चुकी है। इसके देखरेख की जिम्मेदारी नगरपालिका की है।
- संदीप बंजारे,सहायक अभियंता,क्रेडा,जशपुर
शहर की स्ट्रीट लाइट के खराब बल्ब को बदलने के लिए,शासन से बल्ब की मांग की गई है। आपूर्ति होने पर तत्काल बल्ब बदलने की कार्रवाई की जाएगी।
- ज्योत्सना टोप्पो,सीएमओ,जशपुर।
Posted By: Yogeshwar Sharma
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