जशपुरनगर। दल से बिछड़ कर बस्ती के समीप पहुंचे हाथी का बच्चा दूसरे दिन भी मृगखोल जंगल में जमा रहा। उसकी सुरक्षा के लिए वनविभाग के रेंजर निखिल पैंकरा सहित वनकर्मी जंगल के आसपास डेरा जमाए हुए है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हाथी की गतिविधियों के साथ उसके स्वास्थ्य पर भी सतत नजर बनाएं हुए है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को हाथी का बच्चा जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र के मृगखोल गांव के बस्ती के पास पहुंच गया था। स्थानीय रहवासियों की नजर इस पर पड़ने पर उन्होनें तत्काल इसकी सूचना वनविभाग को दी थी। डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय और रेंजर निखिल पैंकरा सहित वन विभाग के अधिकारी तत्काल घटनास्थल पहुंच कर हाथी की सुरक्षा में जुट गए। वनकर्मियों ने स्थानीय ग्रामवासियों को हाथी से दूर करते हुए उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की। बुधवार और गुरूवार की मध्यरात्रि अकेला हाथी मृगखोल के ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच के जंगल में डेरा जमाए हुए है। उम्मीद जताई जा रही है कि हाथी का बच्चा अगले एक दो दिन में ओडिशा की ओर चला जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि बीते साल तपकरा रेंज के ही समडमा गांव में एक हाथी का बच्चा दल से बिछड़ कर बस्ती में पहुंच गया था। हाथी के इस बच्चे के साथ खेलते हुए वीडियो और फोटो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित होने पर वनविभाग को घटना की जानकारी मिली थी। इसके बाद अधिकारियों ने समडमा पहुंच कर हाथी के बच्चे को संरक्षित कर उसे दल से मिलाने की असफल प्रयास किया था। हाथी के इस बच्चे को दल से मिलाने का प्रयास विफल होने के बाद इसे सरगुजा के रमकोला पुर्नवास केन्द्र में संरक्षित किया गया है।
हाथी के आने को लेकर संशय
मृगखोल में डेरा जमाए हाथी के बच्चे के भटकने को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। वन विभाग के अधिकारी इस संबंध में कुछ भी कहने से बच रहें हैं। वहीं स्थानीय रहवासियों भी इस बात को लेकर अचंभित है कि हाल फिलहाल में हाथियों का कोई दल गांव के आसपास नहीं देखा गया है। इसके बाद भी यह छोटा हाथी कैसे गांव की ओर चला आया। माना जा रहा है कि ओडिशा की ओर से खदेड़े जाने के दौरान यह दल से अलग हुआ होगा। फिलहाल हाथी के बच्चे की सुरक्षा को लेकर वनविभाग के अधिकारी और कर्मचारी पूरी ताकत झोंके हुए है।
Posted By: Yogeshwar Sharma
- Font Size
- Close