जशपुरनगर। ओड़िशा से भटक कर छत्तीसगढ़ में घुस आए हाथी के बच्चे की शुक्रवार की सुबह मृत्यु हो गई। घटना जिले के तपकरा रेंज के मृगखोल जंगल की है। जानकारी के अनुसार तीन दिन पूर्व दल से बिछड़कर ओडिशा से भटकते हुए हाथी का एक बच्चा छत्तीसगढ़ के तपकरा वन परिक्षेत्र के मृगखोल गांव की बस्ती के पास चला आया था। कमजोरी और बीमारी के कारण यह हाथी का बच्चा ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। स्थानीय ग्रामवासियों ने इसकी सूचना तत्काल वनविभाग को दी। सूचना पर डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय और रेंजर निखिल पैंकरा सहित,वनविभाग की टीम तत्काल मृगखोल पहुंची और हाथी के बच्चे की देखभाल शुरू कर दी। जानकारी के अनुसार हाथी के बच्चे के जबड़े में गंभीर चोट थी। चोट का सही समय पर इलाज न होने के कारण इसमें संक्रमण हो गया था। इससे वह कुछ खा पी नहीं रहा था। चोट और कमजोरी से हाथी का बच्चा अधमरा हो चुका था। हाथी की गंभीर स्थिति को देखते हुए वनविभाग ने हाथी के बच्चे का इलाज शुरू किया और उसकी जान बचाने के लिए खिलाने का भी प्रयास किया। लेकिन लगातार प्रयास के बावजूद शुक्रवार की सुबह हाथी के बच्चे की मृत्यु हो गई। शुक्रवार को मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव केआर बढ़ई की उपस्थिति में पोस्टमार्टम के बाद हाथी के शव को दफना दिया गया।

हाथी के भटकने और चोट को लेकर संशय

हाथी का यह बच्चा किस तरह भटक कर ओडिशा से छत्तीसगढ़ की सीमा पर पहुंचा इस संबंध में वनविभाग के जिम्मेदार अधिकारी अब भी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जंगल में लगने वाले आग या ओडिशा की ओर से खदेड़े जाने के दौरान हाथी का यह बच्चा दल से बिछड़कर घायल होकर भटकते हुए मृगखोल पहुंच गया होगा। बहरहाल हाथी के बच्चे की मौत की घटना ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा दोनों राज्यों के वन्य जीव प्रबंधन पर सवाल उठाया जा रहा है।

चार माह पहले भी जिले ने बटोरी थी सुर्खियां

जिले में चार माह पूर्व भी तपकरा रेंज के ही समडमा गांव में ओडिशा की ओर से भटक कर पहुंचे। हाथी के बच्चे को लेकर वन विभाग की जमकर फजीहत हुई थी। हाथी का यह बच्चा भी घायल था। प्रदेश के वन मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा हाथी के बच्चे को उसकी मां से मिलाने का निर्देश दिया था। लेकिन लाख प्रयास के बाद भी विभाग छोटा हाथी को उसकी मां से नहीं मिला सका था। अंतत: उसे सरगुजा के रमकोला हाथी पुर्नवास केन्द्र में संरक्षित किया गया है।

Posted By: Yogeshwar Sharma

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