जशपुरनगर। नदी किनारे खुले में निर्मित नदी की एक तस्वीर इन दिनों इंटरनेट मीडिया में जमकर प्रसारित हो रही है। इस शौचालय के निर्माण को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत का दावा है कि उनकी ओर से इस शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है। मामला जिले के मनोरा ब्लाक के ग्राम पंचायत बूमतेल का है। जशपुर और झारखंड की अंतरराज्यीय सीमा के नजदीक स्थित इस ग्राम पंचायत से खरसोता जाने वाले मार्ग पर लावा नदी के नवनिर्मित उधा स्तरीय पुल के किनारे स्थित है। इस पुल के किनारे खुले आसमान के नीचे यह शौचालय बनाया गया है। कमोड शीट वाले इस शौचालय के लिए नदी किनारे सैप्टिक टंकी का निर्माण कर इसे लगाया गया है। आसपास के रहवासियों से जानकारी जुटाने पर ग्रामीणों ने बताया कि काफी समय से यह शौचालय इसी स्थिति में है। कोई भी इसका उपयोग नहीं करता है। ग्रामीणों ने इस अनोखे शौचालय का निर्माण ग्राम पंचायत बुमतेल द्वारा किए जाने की संभावना भी जताई। लेकिन जब नईदुनिया ने इस संबंध में जनपद पंचायत मनोरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से जानकारी ली तो प्रभार में चल रहे मिशेल खलखो ने बताया कि इस तरह के शौचालय का निर्माण स्वच्छ भारत अभियान के तहत नहीं किया जाता है। उन्होनें दावा कि इस शौचालय के निर्माण में ग्राम पंचायत बूमतेल की कोई भूमिका नहीं है।

पुल निर्माण के दौरान किया गया था निर्माण

जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि खुले के नीचे लावा नदी के किनारे निर्मित शौचालय का निर्माण लावा नदी में निर्मित उच्चस्तरीय पुल के निर्माण के दौरान किया गया था। इस शौचालय का प्रयोग,पुल निर्माण में सहयोग कर रहे श्रमिकों द्वारा किया जाता था।

भूजल और नदी के प्रदूषित होने का खतरा

नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल के गाइडलाइन के अनुसार प्रमुख जलस्त्रोत के आसपास न तो शौचालय का निर्माण किया जा सकता है और ना ही सैप्टिक टैंक का। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन तमाम नियमों को दरकिनार कर किस तरह उधास्तरीय पुल के निर्माण की जिम्मेदारी लेने वाली निर्माण कंपनी ने न केवल शौचालय का निर्माण कर लिया अपितु इसका उपयोग करते हुए निर्माण कार्य पूरा कर बोरिया बिस्तरा बांधकर निकल भी गई। पूरे निर्माण कार्य के दौरान निर्माण एजेंसी और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान इस पर ध्यान ही नहीं दिया।

वर्जन

ग्राम पंचायत बूमतेल में लावा नदी के किनारे निर्मित शौचालय का निर्माण पंचायत की ओर से नहीं कराया गया है। पुल निर्माण के दौरान संबंधित ठेकेदार ने इस निर्माण कराया था।

मिशेल खलखो,प्रभारी सीईओ,जनपद पंचायत,मनोरा

Posted By: Yogeshwar Sharma

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