जशपुरनगर। ठगी का शिकार होकर कर्ज में डूब चुकी महिलाएं मुख्यमंत्री और राज्यपाल से राहत की गुहार लगाने के लिए पैदल रायपुर की ओर जाने के लिए शहर पहुंच गई। मामले की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन सक्रिय हुआ और महिलाओं को समझाइश देकर वापस भेजा। महिलाओं ने ऋण माफी के लिए 15 दिन का समय देते हुए राहत न मिलने पर परिवार सहित रायपुर जाने की घोषणा की है। पीड़िता निर्मला बाई ने बताया कि ऋण वसूली के लिए बैंकों द्वारा लगातार नोटिस भेजा जा रहा है। इस नोटिस में ऋण की मूल राशि के साथ बढ़ते हुए ब्याज की जानकारी देते हुए ऋण चुकाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। फुलमैत बाई का कहना था कि ठगी का शिकार होने के कारण उनके हाथ में एक भी रूपया नहीं आया। मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने आरोपित सुमित्रा बाई के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने के साथ उसे व उसके दो बेटो को गिरफ्तार भी कर चुकी है। इसके बाद भी बैंकों द्वारा उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। जिससे पूरा परिवार प्रभावित हो रहा है। स्थानीय अधिकारियों के आश्वासन के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसलिए राहत के लिए मुख्यमंत्री और राज्यपाल का दरवाजा खटखटाने के लिए पैदल ही जशपुर से रायपुर जाने के लिए डेढ़ सौ महिलाएं निकली है। नाराज महिलाओं का कहना था कि इस दौरान अगर किसी महिला या उसके स्वजन को कुछ भी होता है तो इसके लिए पूरी तरह से बैंक के अधिकारी व कर्मचारी के साथ प्रशासन जिम्मेदार होगें।

यह है पूरा मामला

जिले के जशपुर,मनोरा और सन्नाा तहसील के दर्जन भर गांव में आरोपित सुमित्रा नायक ने 12 फर्जी स्व सहायता समूह का गठन कर सिलाई,बुनाई जैसे रोजगार मूलक प्रशिक्षण देकर घर में स्व रोजगार देने का झांसा देकर तीन सौ से अधिक महिलाओं के नाम से राष्ट्रीयकृत बैंक,निजी बैंक और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से 1 करोड़ 22 लाख रुपये का ऋण ले लिया। पीड़ितों के अनुसार उनके खाते में आए ऋण की राशि को आरोपित महिला ने आवश्यक मशीन खरीदी का झांसा देकर निकलवा कर उनसे ले लिया था। सुमित्रा नायक की करतूत उस समय उजागर हुआ जब इन महिलाओं को बैकिंग संस्थानों ने ऋण की किश्त न पटने पर नोटिस दिया और रिकवरी एजेंट उनके घरों तक पहुंचने लगे थे। दबाव से परेशान पीड़ितों ने बीते वर्ष रणजीता स्टेडियम में परिवार सहित धरने में बैठ गई थी। इस पर जिला प्रशासन ने बैंक के अधिकारियों को मामले का निराकरण होते तक ऋण वसूली के लिए घर न जाने का निर्देश दिया था। लेकिन बैंकों ने नोटिस भेजने का सिलसिला जारी रखा है। इससे पीड़ित महिलाएं नाराज हैं।

तीन आरोपित हो चुके हैं गिरफ्तार

1 करोड़ 22 लाख रुपये से अधिक के इस ठगी के मामले में कोतवाली पुलिस ने सुमित्रा नायक के खिलाफ धारा 420 के अंर्तगत ठगी का अपराध दर्ज करते हुए पिछले साल आरोपित महिला को हैदराबाद के एक माल से गिरफ्तार किया था। बाद में पुलिस की टीम ने उसके दोनों बेटों को मामले में सह अभियुक्त बनाते हुए अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। वहीं इस मामले में आरोपित महिला को अब जमानत मिल चुकी है।

Posted By: Yogeshwar Sharma

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