
नईदुनिया प्रतिनिधि, पंडरिया: कबीरधाम जिले के पंडरिया विधानसभा के वनांचल में 115 मतांतरित आदिवासियों ने अपने मूल धर्म में वापसी की। ग्राम नेऊर स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में आयोजित जनजाति गौरव सम्मान एवं अभिनंदन कार्यक्रम में इन परिवारों ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि वे अब अपनी सनातन परंपरा एवं पूर्वजों की सांस्कृतिक जड़ों के साथ जीवन व्यतीत करेंगे।
कार्यक्रम में पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने स्वयं उनके पैर पखारकर सम्मानपूर्वक स्वागत किया। इसके पिछले दो माह में 70 से अधिक आदिवासी परिवार घर वापसी पंडरिया विधायक भावना बोहरा द्वारा किया जा चुका है।
कार्यक्रम के दौरान यह बात सामने आई कि कई बाहरी तत्व विभिन्न लालच और भ्रम फैलाकर जनजातीय परिवारों को उनकी परंपरा और आस्था से दूर ले जाने का प्रयास कर रहे थे। वनांचलों में रहने वाले भोले-भाले आदिवासी परिवारों को प्रलोभन देकर उनका मतांतरण कराया गया। लेकिन क्षेत्र में जागरूकता और संगठनात्मक प्रयासों के चलते इन परिवारों ने अब उससे मुक्ति पाकर अपने मूल धर्म का सहारा लिया है।
बताया गया कि कुछ लोगों द्वारा नया नियम नामक पुस्तकें बांटकर आदिवासी परिवारों को भ्रमित किया जा रहा था, जिसका उद्देश्य स्पष्टतः मतांतरण से जुड़ा दिखाई देता है। कार्यक्रम में लोगों ने कहा कि इन्हें यदि सच में आदिवासियों की चिंता होती, तो वे उनके इतिहास, परंपराओं, बलिदानों और महान वीरों के बारे में बताते, न कि प्रलोभन देकर सांस्कृतिक नुकसान पहुंचाते।
विधायक भावना बोहरा ने घर वापसी कर रहे आदिवासी जनों के पैर धोकर उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ स्वागत का नहीं, बल्कि जनजातीय अस्मिता और सम्मान की पुनर्स्थापना का प्रतीक है। बोहरा ने कहा कि घर वापसी केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सांस्कृतिक संघर्ष और भारतीय अस्मिता की रक्षा का संकल्प है।
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उन्होंने कहा कि कुछ स्वार्थी तत्व भ्रम फैलाकर आदिवासी समाज की जड़ों को काटना चाहते हैं, लेकिन उनके मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे। पंडरिया के जनजातीय समाज ने यह प्रमाणित कर दिया है कि मतांतरण चाहे कितनी भी चाल से हो, सत्य और परंपरा की जड़ें सदैव प्रबल रहेंगी।