बोड़ला (नईदुनिया न्यूज)। विकासखंड तहसील मुख्यालय के ग्राम चिल्फीघाटी में छठ पूजा का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। चार दिनों तक मनाया जाने वाले इस बड़े त्योहार के आखिरी दिन भक्तों ने गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। इससे पहले व्रतियों ने बीते बुधवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया था। छठ पूजा के लिए नदी के घाट पर स्थानीय लोग जुटे। भगवान सूर्य के निकलते ही उन्हें अर्घ्य देकर घर-परिवार की खुशहाली एवं संतान की सुख-समृद्घि की मंगल कामना की गई। तत्पश्चात प्रसादी का वितरण किया गया।
चिल्फीघाटी में छठ मैया की पूजा में विशेष रूप से स्टेट बैंक के मैनेजर रमेश सिंह व पूर्व जिला पंचायत सदस्य टीपी चैधरी के परिवार के साथ साईं मंदिर बाजार मोहल्ला के लोग काफी संख्या में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि इस पर्व में सूर्य देव को सभी मौसमी फल केला, सीताफल, सिंघाड़ा, गन्नाा आदि बांस की टोकरी में एवं सूपे में रखकर सूर्य देव को अर्पण करने की परंपरा है। इसे सिर पर घाट में ले जाकर अर्पण किया जाता है। इस तरह आस्था महापर्व छठ का गुरूवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही समापन हो गया।
निस्संतान को संतान देती हैं छठी मैया
छठी मैया निस्संतानों को संतान देती हैं। छठी मैया ब्रह्मा जी की मानस पुत्री हैं। वे सभी बच्चों की रक्षा भी करती हैं। उनके ही आशीर्वाद से निस्संतान स्त्रियों को संतान की प्राप्ति होती है। उनकी पूजा व दूसरों को पूचा के लिए प्रेरित करना चाहिए। राजा प्रियंवद ने षष्ठी देवी की व्रत पूजा की, जिससे उनको पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। राजा प्रियंवद ने जिस दिन इस व्रत को रखा था उस दिन कार्तिक मास की षष्ठी थी तब से ही छठ के त्योहार की परंपरा शुरू हुई और संतान की रक्षा के लिए व्रत किया जाने लगा।
Posted By: Nai Dunia News Network
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