कवर्धा। Kawardha Food Poisoning जिले के पंडरिया ब्लाक के ग्राम तोरला नवागांव में फूड प्वाइजनिंग का मामला सामने आया है। ये लोग एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। इनमें 30 से अधिक श्रद्धालु बीमार हुए है। लेकिन सबसे बड़ी राहत की बात है कि इनका समय पर उपचार मिलने से स्थिति सुधार हो गया है। इन लोगों को पंडरिया के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया है। जिसमे 3 बच्चें व 1 लड़की सहित 2 महिला 24 पुरुष शामिल है। बताया जा रहा है कि सभी श्रद्धालुओं ने खीर, पूड़ी, दाल चावल का सेवन किया था। हालात बिगड़ने पर तत्काल 112 की मदद से कराया गया पंडरिया स्वास्थ केंद्र में भर्ती कराया गया। डाक्टरों की टीम बीमार हुए लोगों की उपचार में लगी हुई है।

बताया जा रहा है कि खीर, पूड़ी, दाल चावल का सेवन करने के बाद से ये एक-एक कर बीमार होने लगे थे। शुरूआत में कुछ लोगों की सेहत खराब हुई। इसके बाद कई लोगों की और तबीयत खराब होनी शुरू हो गयी। ऐसे में एक साथ लोगों को बीमार होता देख पंडरिया का सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां अब उपचार शुरू होने के बाद स्थिति सुधरी है। वहीं डाक्टरों ने क्षेत्र के लोगों से खान-पान व स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने व किसी भी प्रकार से स्वास्थ्य में गड़बड़ी होने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल में जांच व उपचार कराने की अपील की है।

गांव में जाएगी टीम, लोगों की स्वास्थ्य जांच करेगी

ग्राम तोरला नवागांव में फूड प्वाइजनिंग को देखते हुए मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजी जाएगी। ताकि, अन्य लोगों का उपचार भी किया जा सके। साथ ही स्वास्थ्य जांच किया जा सके। हालांकि पंडरिया क्षेत्र के ग्रामीण व वनांचल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर पहुंच विहीन वनाचंल ग्रामों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता रहा है। लोगों के जांच व उपचार के अलावा उचित खान-पान व सफाई आदि के लिए परामर्श भी किया जाता है। वहीं मौसमी बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए व ठंड को देखते हुए जनजागरूकता कार्यक्रम चलाकर डोर टू डोर सर्वे कराया जा रहा है।

अक्टूबर माह में भी जिले में फूड प्वाइजनिंग का मामला सामने आया था

जिले में फूड प्वाइजनिंग का मामला हमेशा सामने आता रहा है। अंतिम बार अक्टूबर माह में बोड़ला ब्लाक के मुड़घुसरी पंचायत में सामने आया था। तब यहां के ग्राम बंजरिया के 9 सदस्यीय एक परिवार में 4 वयस्कों की तबियत गत 30 सितंबर को अचानक बिगड़ गई, जिसमें ससुर और बहू की जान चली गई थी और दो लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोड़ला में भर्ती कराया गया था। गौरतलब है कि जिले ग्रामीण व वनांचल क्षेत्र में दूषित पेय जल से होने वाले मौसमी उल्टी-दस्त की बीमारी फैलने पर सारा गांव ही उसकी चपेट में आ जाता है।

मौसम के बदलाव का भी असर

इधर जिले में लगातार मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। जनवरी माह के अंतिम हफ्ते में गर्मी का एहसास होने लगा है, जबकि इस माह के शुरूआत में ठंड भी बढ़ गया था। इन सब को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य दल द्वारा शिविर लगाकर अनवरत सेवा मुहैया कराई जा रही है। डायरिया, उल्टी-दस्त, वायरल फीवर, टाइफाइड आदि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है व खानपान एवं साफ-सफाई के सम्बन्ध में विशेष सतर्कता बरतने की समझाइश भी दी जा रही है। इसके अलावा 0 से 5 साल के बालक बालिकाओं समेत समस्त महिला वर्ग का हीमोग्लोबिन जांच कर कम एचबी आने पर आयरन व मल्टीविटामीन आदि समेत आवश्यक सप्लीमेंट भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।

जिले के सभी अस्पताल में उपचार की सुविधा

जिला प्रशासन ने जिले की जनता से अपील करते हुए कहा कि दूषित खान-पान से बचें और घरों , घर के आस-पास विशेषकर पीने का पानी भरने वाले स्थलों को साफ-सुथरा रखें , क्योंकि सबसे ज्यादा बीमारियों की वजह अस्वक्षता व दूषित भोजन अथवा पेय का सेवन है। झाड़-फूंक या अंधविश्वास के बजाए तत्काल इलाज कराने की सलाह भी लोगों को दी है, ताकि सही समय पर सही उपचार से जानें बचाई जा सके। जिले के सभी सरकारी अस्पताल में उपचार की सुविधा उपलब्ध है।

Posted By: Vinita Sinha

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