कवर्धा (नईदुनिया न्यूज)। छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति शासकीय सेवक विकास संघ की सभी जिला इकाई ने पदोन्नति में आरक्षण रोस्टर का पालन कराने के लिए स्थानीय सांसद, विधायक को ज्ञापन सौंपा। कबीरधाम इकाई ने जिलाध्यक्ष आसकरण सिंह धुर्वे के नेतृत्व में राज्यपाल के नाम जिलाधीश को एवं स्थानीय सांसद संतोष पांडेय, विधायक पंडरिया ममता चंद्राकर, विधायक एवं कैबिनेट मंत्री मो. अकबर को ज्ञापन सौंपा।

जिलाध्यक्ष ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर दो वर्षों से चरणबद्ध आंदोलन किाय जा रहा है। प्रदेश में विभिन्न विभागों में आरक्षित वर्गों के लगभग 40 हजार पदों को अनारक्षित पदों से भरा गया है। पिगुआ कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक आरक्षित वर्ग के सभी विभागों में अपर्याप्त प्रतिनिधित्व है। खासकर स्कूल शिक्षा विभाग में द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के लगभग 65 प्रतिशत पदोन्नति के पद रिक्त हैं। यानी 65 प्रतिशत प्रतिनिधित्व कम है। कमेटी के द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को जारी रखने की अनुशंसा की है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 40 हजार पदों पर पदोन्नति दी जानी है यदि वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति दी जाती है तो आरक्षित वर्ग के लगभग 18 हजार पद समाप्त हो जाएंगे। आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व नगण्य रहेगा। उन्होंने कहा कि नियम विरुद्ध पदोन्नति पर संघ के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान अंजोर सिंह सिदार, प्रो. शिवराम सिंह श्याम, गेंदूराम मरावी, ईश्वर सिंह परस्ते, लवकुमार परस्ते, रामचरण धुर्वे, जोहरी सिंह धुर्वे, सिद्घराम मंडावी, श्यामकुमार धु्रव, मालिक मरकाम, शोभारानी मरकाम उपस्थित रहे।

डबल स्नातक को पदोन्नति के लिए मान्य कर बने वरिष्ठता सूची : संघ

वर्तमान में शिक्षा विभाग में शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया चल रही है। इसमें कई विसंगतियों का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने विसंगतियों को दूर करने की मांग की है। साथ ही संघ ब्लाक से लेकर राज्य स्तर तक उक्त समस्या के निराकरण के लिए प्रयासरत है। छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शिवेंद्र चंद्रवंशी ने बताया कि शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर लगातार जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा कर समस्या निराकरण की मांग की जा रही है। लेकिन पूर्ण रूप से समस्या दूर नहीं हो पा रही है। जिले के कई सहायक शिक्षकों ने विभाग से विधिवत अनुमति लेकर दो बार स्नातक किया है। इसको सर्विस बुक में जोड़ा भी गया है। लेकिन उनके डबल स्नातक को वरिष्ठता सूची में शामिल नहीं किया जा रहा है। जबकि रायपुर व सरगुजा संभाग के अलावा दुर्ग संभाग के ही अन्य जिलों में डबल स्नातक वाले शिक्षकों को वरिष्ठता सूची में शामिल किया गया है। संघ ने कहा कि विसंगतियों को लेकर लगातार आवाज बुलंद करने के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

संघ के ब्लाक अध्यक्षगण मोहन राजपूत, संजय जायसवाल, अमित मिश्रा व राकेश जोशी ने बताया कि यूसीजी के नियम के मुताबिक डबल स्नातक किया जा सकता है। कबीरधाम जिले में डबल स्नातक को मान्य नहीं किए जाने को लेकर शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है। डबल स्नातक को मान्य नहीं करने के चलते कई शिक्षक पदोन्नति से वंचित हो जाएंगे। एक ही संभाग, एक ही राज्य में पदोन्नति प्रक्रिया में एकरूपता नहीं होना समझ से परे है।

Posted By: Nai Dunia News Network

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