कोंडागांव। Kondagaon News प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से भू जल संरक्षण के साथ-साथ किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने की सरकार प्रयास कर रही है। सरकारों के प्रयासों पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही जमीनी क्रियान्वयन में अनियमितता बरतकर पलीता लगा रहे हैं। ताजा मामला उप संचालक कृषि कोंडागांव अंतर्गत आने वाले जिले के गांवों में संचालित वाटर सेड योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता का है।

विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक योजना के तहत हितग्राहियों की भूमि पर लगभग 2.99 लाख की राशि से डबरी उत्खनन किया जा रहा है। विभागीय आंकड़ों में जिन हितग्राहियों के खेतों पर तालाब उत्खनन पूर्ण हुआ है, वे हितग्राही ही दावा कर रहे हैं कि उनके खेतों में तालाब उत्खनन आधा अधूरा है। डबरी खनन में भ्रष्टाचार को अंजाम देने विभाग के कर्मचारी हितग्राही को गुमराह कर कार्य को अंजाम दे रहे हैं। जिसके चलते वाटर शेड योजना के तहत जिले में चल रहे निर्माण कार्यों पर सवाल उठने लगे हैं।

केस नंबर 1

हितग्राही समलू राम के मुताबिक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत खेत में तालाब का उत्खनन कराने के लिए दस्तावेज जमा कर चुका हूं। मई तक तालाब उत्खनन पूर्ण करने के बात अधिकारियों ने कही थी। गाड़ी भेजने की बात कहते कई महीना बीत गया। जिस जगह पर तालाब उत्खनन कराना है वहां मैंने घास फूस की सफाई भी की है। और पिछले कई महीनों से इंतजार कर रहा हूं। अभी तक तालाब उत्खनन हुआ ही नहीं, जहां पर तालाब उत्खनन कराना है ।

केस नंबर 02

हितग्राही मुन्ना लाल पांडे का दावा है जिस जगह पर तालाब उत्खनन कराना है वहां पहले मक्का लगाता था। विभाग के कहने पर तालाब उत्खनन के लिए सारा दस्तावेज जमा कर दिया। तालाब उत्खनन के लिए जेसीबी भी पहुंचा। लगभग 5 फीट गड्ढा खोदकर चले गए। अभी तालाब को कंप्लीट नहीं किए हैं। कई महीना बीत गया, यदि तालाब को कंप्लीट नहीं करेंगे तो मेरे लिए परेशानी का सबब बनेगा ।

अनुभाग अधिकारी कृषि डीसेन कश्यप का कहना है कि उन्होंने हाल में पदभार संभाला है। उनके आने से पहले कितना कार्य हुआ था, इसीलिए अधिक जानकारी नहीं दे सकता। वहीं डी पी टांडे उपसंचालक कृषि कोंडागांव का कहना है कि आपने संज्ञान में लाया है। यदि अनियमितता हुई है, तो जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी।

Posted By: Vinita Sinha

छत्तीसगढ़
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