कोरबा(नईदुनिया प्रतिनधि)। कटघोरा व कोरबा वनमंडल में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा। पसान रेंज में पांच हाथियों के दल ने ग्राम भर्रापानी व खोडरी में दो ग्रामीणों के मकान को ढहाकर कर यहां रखे धान चावल को चट कर दिया। हाथी के आने के पहले ग्रामीण घर छोड़ कर जा चुके थे। वहीं कोरबा वन मंडल के पसरखेत रेंज में 23 हाथियों के दल ने 13 एकड़ खेत में लगे धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है।
पसान वन परिक्षेत्र में रात के समय पांच हाथियों के दल ने भर्रापानी में सोना बाई चौधरी व खोडरी निवासी प्रदुमन सिंह कंवर के मकान को तोड़ दिया। हाथियों के आने की खबर वन विभाग के कर्मचारियों को पहले ही मिल गई थी। बीट गार्ड ईश्वर मानिकपुरी ने मौके पर उपस्थित होकर दोनों गांव के रहवासियों को सुरक्षित स्थान की ओर जाने के लिए कहा। गांव में मुनादी कराने के साथ ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है। उधर वनमंडल कोरबा के पसरखेत रेंज में सक्रिय हाथियों के दल में से 23 हाथी एक बार फिर अलग होकर कोरबा रेंज के ग्राम कमरन-बताती पहुंच गए हैं जबकि 28 हाथी अभी भी पसरखेत के जंगल में विचरण कर रहे हैं। दल से अलग हुए हाथियों ने कमरन-बताती पहुंचने से पहले रास्ते में छिंदकोना गांव में एक दर्जन से अधिक किसानों की फसल रौंद दी है। हाथियों द्वारा फसल रौंदे जाने से ग्रामीणों की मेहनत पर पानी फिर गया है। ग्रामीणों ने गर्मी के मौसम में दिन-रात तपकर बड़ी मेहनत से फसल को तैयार किया था। फसल के पकने के बाद उसे खलिहान ले जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन बीती रात हाथियों ने खेतों में पहुंचकर उत्पात मचाते हुए इस फसल को रौंद दिया। हाथियों के उत्पात से प्रभावित गांव छिंदकोना पसरखेत रेंज में आता है, सो वहां का स्टाफ जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचकर नुकसानी के आंकलन में जुट गया है। एक अनुमान के मुताबिक हाथियों ने अपने ताजा उत्पात में ग्रामीणों को हजारों रुपए की चपत लगाई है। हाथियों की जिले में लगातार बढ़ रहे उत्पात से ग्रामीण काफी हलकान हैं।
फाइल में गुम हुआ लेमरू एलिफेंट रिजर्व
हाथी समस्या के समाधान की मांग लगातार की जा रही है लेकिन इस समस्या को हल करने के लिए न तो जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही वन विभाग। जिससे ग्रामीण नुकसान झेलने को मजबूर हैं। जब भी हाथियों द्वारा उत्पात मचाकर बड़ा नुकसान किया जाता है वन विभाग तथा जिला प्रशासन लेमरू रिजर्व का सब्जबाग दिखाकर मरहम-पट्टी लगाता है। लेमरू रिजर्व की योजना बनकर तैयार है लेकिन अभी तक यह धरातल में नहीं उतर पाया है। लेमरू रिजर्व के संबंध में सरकार प्रस्ताव तैयार कर कुछ प्रारंभिक कार्यों को अंजाम दिया है लेकिन जरूरी काम अभी होना बाकी है।
केंदई रेंज के कालरी क्षेत्र में बनाया स्थाई बसेरा
हाथियों के दल ने पसान के अलावा केंदई रेंज को भी अपना स्थाई बसेरा बना लिया है। बड़ी संख्या में हाथी यहां काफी दिनों से घूम रहे हैं और लगातार उत्पात मचा रहे हैं। ग्रामीणों के घरों को ध्वस्त किया जा रहा है व फसल रौंद रहे हैं। लेकिन इसे रोकने में वन अमला लाख कोशिशों के बावजूद नाकाम है। केंदई रेंज के कोरबी चोटिया कोयला खदान के निकट कोयलार गडरा व लालपुर डंपिंग एरिया में लगभग एक दर्जन हाथी अभी भी घूम रहे हैं। बीती रात हाथियों के इस दल ने कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया है।
Posted By: Yogeshwar Sharma