कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। वित्तीय वर्ष समाप्ति की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और शेष समय में कोयला उत्पादन बढ़ा लक्ष्य हासिल करने की कोशिश तेज हो गई है। एसईसीएल के निदेशक तकनीकी संचालन एसके पाल स्वयं मेगा प्रोजेक्ट का लगातार दौरा कर समीक्षा कर उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। दीपका के बाद कुसमुंडा प्रोजेक्ट का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति से अवगत हुए।
साउथ इस्टर्न कोलफिल्डस लिमिटेड (एसईसीएल) अपने निर्धारित लक्ष्य से काफी चल रही है। इससे 1820 लाख टन लक्ष्य को हासिल करने मुश्किल हो गया है। कंपनी अभी तक 1546.3 लाख टन कोयला उत्पादन कर चुकी है। अभी जिस ढंग से उत्पादन हो रहा है, उससे 1670 से 1700 लाख टन कोयला उत्पादन होने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रबंधन की मंशा है कि इससे अधिक कोयला निकाला जाए। इसलिए एसईसीएल के निदेशक तकनीकी संचालन पाल खदान का दौरा कर रहे है। शुक्रवार को मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा का निरीक्षण किया। खदान पहुंचने के बाद उन्होंने डिपार्टमेंटल कैट पैच, गोदावरी, बरकुटा, नीलकंठ कांट्रैक्टचुएल पैच समेत खदान के प्रत्येक हिस्से का जायजा लिया। उन्होंने उत्पादन में अभिवृद्धि के प्रयासों की समीक्षा की तथा उत्तरोत्तर विकास का आह्वान किया। इस दौरान महाप्रबंधक संजय मिश्रा समेत कुसमुंडा के सभी वरिष्ठ अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इसके पहले निदेशक तकनीकी संचालन एसके पाल ने दीपका क्षेत्र का दौरा किया। केसीसी कोयला पैच पहुंचे, जहां गोदावरी पैच, श्रीराम पैच व डिपार्टमेंटल पैच का निरीक्षण किया। उन्होंने उत्पादन में आ रही चुनौतियों पर क्षेत्रीय अधिकारियों की टीम से चर्चा की व उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि आपसी सामंजस्य, एकजूटता के साथ कार्य करते हुए उत्पादन बढ़ाए, ताकि कंपनी नया कीर्तिमान स्थापित कर सकें। इस दौरान महाप्रबंधक रंजन पी शाह समेत दीपका क्षेत्र के सभी आला अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
Posted By: Yogeshwar Sharma
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