कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र (डीएसपीएम) की 250 मेगावाट क्षमता की एक इकाई टरबाइन में खराबी आने की वजह से तीन दिन से बंद पड़ी है। 250 मेगावाट क्षमता की दूसरी इकाई तकनीकी खराबी आने से 20 घंटे से बंद पड़ी है। तकनीकी कर्मी सुधार कर रहे हैं।
विद्युत उत्पादन कंपनी के कोरबा पूर्व स्थित डीएसपीएम संयंत्र (500 मेगावाट) में संकट के बादल मंडराने लगे हैं। संयंत्र की एक नंबर इकाई के टरबाइन में खराबी आ गई है। बीएचईएल से विशेषज्ञ की टीम ने संयंत्र पहुंच कर निरीक्षण किया और आवश्यक सु्धार करने कहा है। इसके लिए प्लांट के उपकरण खोला जाना है, पर इकाई को ठंडा होने में तीन वक्त का लगेगा। इसके बाद सुधार कार्य किया जाएगा और पुनरू इकाई को चालू किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इकाई लगभग 20 दिन तक बंद रहेगी। इससे संयंत्र से 250 मेगावाट उत्पादन पहले ही ही कम हो चुका है। शुक्रवार को दिन में संयंत्र की 250 मेगावाट की दो नंबर इकाई भी तकनीकी खराबी की वजह से बंद हो गई थी, तीन घंटे बाद उसे चालू कर लिया गया था और शाम तक 200 मेगावाट बिजली उत्पादन होने लगा था। बताया जा रहा है कि रात 12.30 बजे तेज आकाशीय गर्जना व वर्षा होेने की वह से दो नंबर इकाई ट्रिपिंग की समस्या आने पर बंद हो गई। इसके साथ ही प्लांट दोबारा ब्लैक आउट हो गया। जानकारी मिलते ही तकनीकी अमले ने सुधार कार्य आरंभ किया और पूरी रात जुटे रहे। जानकारों का कहना है कि सुधार कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है और उम्मीद है कि शनिवार की देर रात तक इकाई चालू कर ली जाएगी। 20 घंटा से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद रात नौ बजे तक इकाई चालू नहीं हो सकी। दोनों इकाइयों के बंद होने से ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित हो गई है। इस संबंध में चर्चा करने संयंत्र के कार्यपालक निदेशक बीडी बघेल से संपर्क किया गया, पर उपलब्ध नहीं हो सके।
एमडी ने निरीक्षण कर जताई नाराजगी
डीएसपीएम की दो नंबर इकाई शुक्रवार को भी तीन घंटे के लिए बंद हो गई थी, तब कोरबा प्रवास पर रहे प्रबंधक निदेशक (एमडी) एसके कटियार ने निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया था, इसके बाद इकाई चालू हो गई थी। बताया जा रहा है कि रात में एचटीपीपी विश्रामगृह में रूके एमडी कटियार जानकारी मिलने पर सुबह संयंत्र पहुंचे और निरीक्षण करने के बाद नाराजगी जताई। उन्होंने इकाई को सुधार कार्य कर जल्द ही चालू करने का निर्देश दिया, ताकि बिजली संकट की स्थिति निर्मित न हो। इसके बाद सुधार कार्य में तेजी लाई गई।
वर्षा से गिरी बिजली की मांग, पीक अवर्स में 3700 खपत
मौसम में आए एकाएक बदलाव की वजह से राज्य में बिजली की मांग घट गई। गर्मी शुरू होने के साथ ही बिजली की मांग पांच हजार मेगावाट पहुंच गई, पर शनिवार को दोपहर तीन बजे करीब तीन हजार मेगावाट बिजली की मांग रही। वहीं पीक अवर्स (शाम छह से रात नौ बजे तक) मांग 3700 मेगावाट के करीब रही और उपलब्धता 3915 मेगावाट के करीब थी। कंपनी को को 207 मेगावाट बिजली अंडर ड्राल करनी पड़ी। राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के संयंत्रों से कुल 1867 मेगावाट बिजली उत्पादित हो रही थी, इसमें एचटीपीपी से 1115, मड़वा संयंत्र से 633 मेगावाट तथा बांगो जल विद्युत संयंत्र से 118 मेगावाट बिजली पैदा की जा रही थी। शेष बिजली सेक्टर से लेने के बाद उपभोक्ताओं को प्रदान की जा रही है।
Posted By: Yogeshwar Sharma
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