कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सरपंच के घर निजी काम से जा रहे दो ग्रमाणों का लमना जंगल में हाथी से सामना हो गया। एक को हाथी ने सूंड से धकेला। जान बचाकर भागते समय गहरे गड्ढे में गिरने से दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। हाथी कुछ देर वहां खड़ा रहा फिर वापस जंगल की ओर लौट गया और दोनों की जान बच गई। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हे जिला अस्पताल रेफर किया गया है, जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर है।
कटघोरा जंगल के पसान वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहे 32 हाथियों का दल दो टुकड़ियों में बंट गया है। इन में 11 हाथी केंदई के परला जंगल में विचरण कर रहे है। लमना पंचायत के आश्रित ग्राम बगबूड़ा निवासी दो सगे भाई अनंदराम और उजित नारायण सरपंच के घर निजी काम से जा रहे थे। दोनों भाई गांव के बीच खरहरी मुड़ा पहुंचे ही थे कि उनका सामना हाथियों से हो गया। अचानक आमना-सामना होने से हाथी ने पहले तो उजित राम को सूंड से धक्का देकर गिरा दिया। सूंड से उठाकर उसे हाथी पटकता इससे पहले ही दोनो भाई तेजी से भागने लगे। आनन -फानन में चीखते चिल्लाते भागते हुए दोनों गहरे गड्ढे में गिर पड़े। आवाज सुन कर घटना स्थल में ग्रामीण भी खासी संख्या पहुंच गए और किसी तरह हाथियों को खदेड़ा। तब तक वन कर्मी भी आ चुके थे। दोनों भाईयों को पोड़ी उपरोड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराया गया। हाथ की हड्डी टूटने और पैर में चोट के कारण दोनों को जिला अस्पताल भेज दिया गया है। केंदई वनपरिक्षेत्राधिकारी अभिषेक दुबे ने बताया कि घायलों को प्राथमिक सहयोग के तौर पांच-पांच सौ रुपये प्रदान किया गया है। अधिकारी की माने तो हाथी पिछले सप्ताह भर से केंदई जंगल में डंटे हुए है। चार दिनों के भीतर परला सहित आसपास गांवों में तीन घरों को नुकसान पहुंचाया है। गांव के निकट दल के होने से ग्रामीणों में भय का वातावरण देखा जा रहा है। प्रभावित ग्रामीण घर छोड कर स्वजनों के घर में आश्रय ले रहे हैं। तेज धूप के कारण जंगल के भीतर चारा समाप्त होने से हाथी फिर गांव के निकट विचरण कर रहे हैं। बताना होगा कि वन विभाग की ओर हाथियों पर सही निगरानी नहीं की जा रही। लोगों को हाथी आने की जानकारी नहीं मिल रही। इस वजह से प्रभावित क्षेत्र में जनहानि की संभावना बढ़ गई है।
Posted By: Nai Dunia News Network
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