बस्ती बगरा(नईदुनिया न्यूज)। जिले के बैगा बाहुल्य क्षेत्र में जर्जर भवन और शिक्षकों के अभाव में क्लासें लग रही है। इसके शिकायत के बाद अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं।
इसी प्रकार से माध्यमिक शाला कोटमी, बस्ती क्षेत्र के स्कूलों का हाल है। एक ओर जर्जर भवन में पढ़ाई वहीं शिक्षकों की कमी भी समस्या है। स्कूलों में प्राचार्य नहीं होने से व्याख्याता दायित्वों को निर्वाहन कर रहे हैं। वहीं पैरीटिकरा में खपरैल भवन सहित कई बिल्डिंग से मलबा गिरने से बच्चे क्षतिग्रस्त कक्ष में पढ़ाई करने के लिए विवश है। पालकों ने परेशानी गिनाते हुए बताया कि अधिकारी स्कूल का निरीक्षण नहीं करते हैं इस कारण बच्चे जोखिम में जीवन डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। इन बच्चों के लिए संबंधित अधिकारियों को जानकारी देने के बाद भी ध्यान नहीं देते हैं इसका खामियाजा बच्चे भुगत रहे हैं। सबसे अधिक गंभीर जिले के दूरस्थ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्ती बगरा की है जहां पढ़ाई के लिए मात्र शासकीय स्कूल ही है। स्कूल जर्जर होने के साथ ही शिक्षकों का आभाव है। वहीं हाईस्कूल कोटमीखुर्द, टीकरखुर्द व हायर सेकेंडरी बस्ती मे पिछले कई वर्षां से प्राचार्य का पद रिक्त है। कार्यवाहक के तौर पर स्कूल में पदस्थ सीनियर व्याख्याताओं को यह दायित्व दिया गया है। इससे सबसे अधिक प्रभावित स्कूल बच्चे हैं। माध्यमिक शाला कोटमी की भवन जर्जर हालत में है।इसकी शिकायत की गई है।
जिले के अधिकारियों को देना चाहिए ध्यान: सिंह
हायर सेकेंडरी स्कूल जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष मोहर सिंह ने बताया कि पूर्णकालिक प्राचार्य के आने से निश्चित ही स्कूल को फायदा होगा और जो इस कार्य को कर रहे हैं वे छात्रों को समय देंगे। उनकी मांग है कि जल्द ही इस ओर ध्यान दिया जाए ।
मरम्मत की जरूरत: वाकरे
कोटमीखुर्द के पूर्व सरपंच सोहन सिंह वाकरे ने बताया कि प्राथमिक शाला ढोड़गीपारा में भवन जर्जर है। इसी तरह पैरीटिकरा में खपरैल भवन में सकूल संचालित है। इसी तरह मूड़ाटिकरा एकल शिक्षिकीय कर दी गई है संबंधित विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
Posted By: Yogeshwar Sharma
- Font Size
- Close