खोंगसरा(नईदुनिया न्यूज)। बिलासपुर कटनी रेलखंड के अंतर्गत खोंगसरा रेलवे स्टेशन में ट्रेनों की स्टापेज नहीं होने से ग्रामीण परेशान हैं। आसपास की छह ग्राम पंचायत के लगभग दस हजार सुविधा से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने कहा इसे लेकर आंदोलन करेंगे।
खोंगसरा के लोगों ने बताया कि पूर्व में यात्री ट्रेनों का ठहराव हुआ करता था। कोरोना संक्रमण काल के दौरान लाक डाउन के बाद से रेलवे बोर्ड द्वारा ट्रेनों की स्टापेज बंद कर दिया गया था। इसके बाद सामान्य होने के बाद ट्रेनों का परिचालन तो प्रारंभ हुआ लेकिन खोंगसरा में ट्रेनों का ठहराव नहीं है। यात्री ट्रेनों की ठहराव के लिए ग्रामीणों के द्वारा लगातार रेलवे बोर्ड के अधिकारी, बिलासपुर के सांसद अरुण साव, कोटा की विधायक डा.रेणु जोगी से ट्रेनों की ठहराव की मांग कर रहे लेकिन अभी तक ग्रामीणों की मांगों को रेलवे अधिकारी गंभीर नहीं है। जिला मुख्यालय जिला अस्पताल, कालेज एवं मजदूर वर्ग के लोग पूरी तरह से बिलासपुर के उपर आश्रित रहते हैं। वर्तमान में बस एवं निजी साधन से ही ग्रामीण अपने कार्य के लिए अधिक पैसा खर्च कर जिला मुख्यालय जाते हैं इससे आर्थिक नुकसान होता है। वर्तमान में मात्र दो ट्रेनों की ठहराव खोंगसरा में है। इसमें बिलासपुर-कटनी मेमू,शहडोल मेमू लोकल है। लेकिन ट्रेनों की हमेशा चार पांच घंटे लेट लतीफी से सब परेशान हैं। वे कटनी-बिलासपुर मेमू में सफर के लिए रेलवे स्टेशन में घंटो स्टेशन में बैठकर इंतजार करते रहते हैं। प्रतीदिन मेमू विलंब से चलती है। बोर्ड द्वारा आश्वासन के बाद भी ट्रेन सुविधा नहीं दिए जाने से ग्रामीण अपने आपको छला महसूस कर रहे हैं।
पूर्व की भांति स्टापेज
आमागोहान के उपसरपंच एवं कांग्रेस के महासचिव रवि प्रताप सिंह ने कहा
लोगों को ट्रेन सुविधा से वंचित रखा जा रहा है। जबकि मांग की जा रहा है। कोरोना काल की पूर्व में जिस तरह से सभी ट्रेनों की स्टापेज रहती थी फिर से पूर्ववत चालू रखें। इससे परेशान दूर हो जाएगी।
Posted By: Yogeshwar Sharma
- Font Size
- Close