रायगढ़। रामायण महोत्सव में शामिल होने आ रहे सीएम भूपेश बघेल केलो नदी की महाआरती करेंगे। इसके लिए केलो उद्धार समिति व जिला प्रशासन तैयारी में जुट गया है। समलाई घाट में रंग- रोगन के साथ वॉल पेंटिंग बनाया समतल किया जा रहा है। सड़क के डिवाइडर को तोड़कर चौड़ी किया जा रहे हैं। इससे नदी घाट की रौनक दमकता रहे।
दरअसल हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर केलो उद्धार समिति द्वारा शनि मंदिर मरीन की महाआरती कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जिसमें पूरा शहर शामिल होता है। इस साल भी मकर संक्रांति के दिन महाआरती का आयोजन किया वही केलो नदी आरती के मद्देनजर सड़क को भी मैरिन ड्राइव स्थित समलाई घाट में केलो सामने नदी के उस पार बेलादुला के सामने दीवार में वॉल पेटिंग कर आगे की नदी में नाले का पानी में घाट में भी महाआरती का आयोजन किया जाता है। चूंकि 1 से 3 जून तक रामलीला मैदान में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन होने वाला है। जिसमें शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी आने वाले हैं। इस दौरान सीएम ने केलो के महाआरती की इच्छा भी जताई है। जिसे देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा केलो उद्धार समिति के साथ मिलकर इसकी तैयारी की जा रही है। मरीन ड्राइव में नदी तट पर लगे रेलिंग को तीन रंगों से रंगा जा रहा है। इसके अलावा शिव मंदिर वहां छत्तीसगढ़ खेलों के चित्र उकेरे जा रहे हैं। इतना ही नहीं समलाई घाट मुख्य मार्ग के बीच में डिवाइडर की तरह पड़े मिट्टी देना होगा।
नदी के अस्तित्व को बचाने का भी लेना होगा संकल्प
देश के 54 नदी उपखंड में केलो नदी को एनजीटी ने प्रदूषित माना है। वही वर्तमान में केलो नदी की स्थिति बेहद ही खस्ताहाल है। एसटीपी बनने के बाद भी नाली नालों का पानी सीधे तौर पर मिल रहा है। नदी में पानी नही के बराबर है, जिनका प्रमुख संसाधन नदी निस्तारण के लिए है वह भी नही हो पा रहा है। ऐसे में केलो बचाव के लिए संकल्प भी लेना चाहिए इसकी चर्चा के साथ लोग मांग भी कर रहे है। ज्ञात हो कि केलो नदी को शहर की जीवन रेखा भी कहा जाता हैं।
केलो नदी की आरती करना अच्छी बात है। इस नदी को बचाने के लिए कब प्रशासन जागेगी यह तय नही है। मेरी तो यही मांग है कि इसका उद्धार किया जाए ताकि इसके अस्तित्व को बचाया जा सके।
- विनोद सारथी , स्थानीय रहवासी
केलो नदी का अस्तित्व काफी बदल गया। बांध का उपयोग मुझे तो समझ मे नही आ रहा है जो भी केलो नदी को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। कई बार जिला प्रशासन नदी की साफ सफाई का अभियान चलाती है। लेकिन यह जमीनी हकीकत में तब्दील नहीं हो पाता है। केलो नदी की प्रदूषण मुक्त तथा नदी में हर मौसम में पानी का रहना भी सुनिश्चित करना चाहिए।
केशव देवांगन, स्थानीय रहवासी
Posted By: Yogeshwar Sharma
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