रायगढ़ । पुसौर तहसील के ग्राम घुटकूपाली में प्राचीन कालीन तालाब को उधोगों के डस्ट से पाटा जा रहा है। सरपंच के संरक्षण में तालाब को मैदान का स्वरूप देकर वहां ढाबा और दुकान बनाने की प्लानिंग की जा रही है। जबकि ग्रामीणों ने तालाब को बचाने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। लेकिन कतिथ तौर पर सरपंच पर लगे पटाने का आरोप के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी अपने एसी चेम्बर से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है।
जिले में शहर हो या गांव लगातार तालाब कब्जे का शिकार हो रहे हैं। पुसौर तहसील के ग्राम घुटकूपाली के ग्राम वासियों ने बताया कि गांव के प्राचीन तालाब पर संरपच का कब्जा आज भी कायम हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को आदेशित किया था कि तालाबों की जमीन से अवैध कब्जे को हटाने व तालाबों के अस्तित्व को बचाने आदेश जारी किया था
लेकिन यह आदेश कागजों में ही सिमटकर रह गया है। संरपच द्वारा प्राचिन काल के तालाब को फ्लाई ऐश से पटवाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम घुटकूपाली स्थित भूमि पुराना ख.नं. 156 रकबा 6.53 नया ख.नं. 121 रकबा 2.6430 हे. भूमि जिसमें पानी टार (तालाब) है जो कि तालाब जम्बोवती की है । बहरहाल उक्त कृत्य से ग्रामीणों में प्रशासनिक अधिकारी के प्रति भारी नाराजगी है।
तालाब के आस्तित्व पर खतरा :
तालाब पाटे जाने की सूचना स्थानीय ग्रामीणों ने जिम्मेदार प्रशासन के उधा अधिकारी को भी दी है। राखड़ से पटाने वाले ग्राम पंचायत घुटकूपाली के सरपंच रमेश चौहान की शिकायत भी की गई है।वही सरपंच के कृत्य व राखड़ पटाई को रोके जाने की शिकायत जिला कलेक्टर को दिए जाने के बाद भी कलेक्टर व तहसीलदार की ओर से अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। जिससे तालाब के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
Posted By: Nai Dunia News Network
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