रायगढ़ ( नईदुनिया प्रतिनिधि) । चुनावी वर्ष में नगर निगम में काबिज कांग्रेसी शहर सरकार ने जनता की आवश्यकताओं के अनुरूप शहर विकास का खाका तैयार करने के इरादे से जनता से विकास के मद्देनजर सुझाव मंगाया गया था। जिसमें निकाय की पौने दो लाख जनता ने अब 30 सुझाव पत्र निगम शहर सरकार को प्रेषित किए है। एक तरफ आम जनता निगम की कार्यप्रणाली केवल खानापूर्ति होने के चलते सुझाव देने से परहेज किए है। जो सुझाव आए है वह भी चौड़ी व्यवस्थित सड़क, सौंदर्यीकरण, खेल मैदान जैसे मूलभूत सुविधाओं को ज्यादा तहरिज दिया गया है। इधर पार्षदो से सुझाव भी मंगाए गए थे लेकिन हर वर्ष की तरह उक्त स्थिति को भाजपा नेताओ ने दिखावा व अमल नही करना बताते हुए सुझाव भेजना मुनासिब नही समझे।
शहर सरकार में कांग्रेस 10 वर्षों बाद पूर्ण बहुमत से काबिज है। ऐसे में शहर विकास को लेकर संजीदगी बरतते हुए शहर की जनता से बजट व शहर विकास की के लिए सुझाव मंगाए गए। यह प्रक्रिया पिछले वर्ष भी निभाई गई लेकिन अमल में कम ही लाया गया। ऐसे में शहर के 48 वार्ड के दो लाख जनता ने सुझाव देने में अरुचि दिखाई। ऐसा इसलिए कहना जरूरी होगा कि महज 30 पत्र जनता द्वारा अबतक प्रेषित किया गया है। जबकि इसी साल विधानसभा चुनाव है। हाल ही में नगर निगम को शासन द्वारा 10 करोड़ की राशि भी विकास कार्यो के लिए दिए है।
इन पत्रों में सबसे अधिक सड़क नाली, तालाब, एवं चौराहें को व्यवस्थित करते हुए सौदर्यीकरण की मांग कर रहे है एक्का दुक्का लोग ही शहर की सड़क को चौड़ी करणकरते हुए व्यवस्थित करने की मांग किये है। इन परिस्थितियों के बीच शहर सरकार चुनाव वाले साल में जनता की नब्ज को टटोलने के साथ सरकार से जोड़ने की जो कवायद ढोल पीटकर सुझाव मांगे थे वह विफल नजर आ रहे है। दूसरी परिस्थिति में शहर की जनता भी विकास कार्यों के लिए अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करने में पीछे है इसकी वजह निगम की कार्यप्रणाली भी सामने आ रहा है। ऐसे में आगामी चुनाव में कांग्रेस से लेकर शहर सरकार के लिए काफी चुनौती पूर्ण रहने वाला है यह कहना गलत नही होगा। इधर महापौर ने सुझाव पत्र को लेकर अनभिज्ञ जाहिर की है।
सुझाव पर अमल न करना जनता और जनप्रतिनिधियों ने बनाई दूरी : गौरतलब है कि नगर निगम शहर सरकार द्वारा हर वर्ष बजट प्रस्तुत किया जाता है जिसमें कई वादे वादा वेट भी किए जाते हैं लेकिन वह दावा वादा निगम के सदन तक ही सिमटा हुआ रहता है जिसके चलते विकास की अवधारणा साकार नहीं हो पाती है यह जगजाहिर है। यह सुर्खियों में भी बना रहता है म्भवत: यही वजह है कि लोग व जनप्रतिनिधियों ने सुझाव से दूरी बनाए हैं क्योंकि सदन में पारित घोषणा जब अमल में नही आ रहा है तो सुझाव कैसे आए।
मैन शहर विकास के लिए यहां जनता के साथ विभिन्ना संगठन और समाज सेवियों से सुझाव मंगाए हैं। जनप्रतिनिधियों और आम लोगों ने 30 सुझाव पत्र प्रेषित किए हैं। एमआइसी की बैठक जल्द होगी। इसमें बजट प्रस्ताव पर सहमति के बाद बैठक की तिथि तय की जाएगी। सम्भवत: मार्च के अंतिम सप्ताह में यह बैठक होगी। शहर हमारा है, हम सबका का है। लोगों को जागरूक होकर सुझाव देना चाहिए ताकि शहर की विकास गति को मिल सके।
- जानकी काटजू, महापौर
नगर निगम रायगढ़
Posted By: Yogeshwar Sharma
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