धरमजयगढ़ (नईदुनिया न्यूज)। क्षेत्र के जंगलों में विभिन्न कारणों से हाथी की मौत का सिलसिला जारी है। एक अगस्त को धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में एक हाथी का तीन-चार दिन पुराना शव मिला है। इससे वन विभाग के अमले में हड़कंप मचा है। ग्रामीणाो से मिली सूचना के पबद वन विभाग का अमला घटना स्थल पर पहुंचा और मामले की जांच में शुरू की। घटना धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत हाटी बीट के 554 कंपार्टमेंट की है।
वन मंडलाधिकारी अभिषेक जोगावत ने बताया कि हाथी की मौत किन कारणों से हुई इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने इसे प्रथम दृष्टया दुर्घटना बताया है। लेकिन सोचने वाला बात है कि वन अमला हर जगह तैनात है। इसके बाद भी हाथी के मरने की खबर वन विभाग के अधिकारी को तीन-चार दिन तक नहीं मिली। यह घटना वन अमले की सक्रियता पर सवाल उठाने कि लिए काफी है। गौरतलब है है कि धरमजयगढ़ वन क्षेत्र के अंबेटिकरा स्थित पुरखा वन में विश्व प्रर्यावरण दिवस पर मध्य आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लालजीत सिंह राठिया के मुख्य आतिथ्य में पौधारोपण किया गया। यह पुरखा वन दो वर्षों से सही सलामत था लेकिन पौधारोपण के महज दो दिनों बाद पूरा उद्यान जल कर राख हो गया।
कई दलों में विचरण कर रहे
वन मंडल धरमजयगढ़ में हाथियों के कई दल विचरण कर रहे हैं, कुछ हाथी दल से अलग घूम रहे हैं। हाथी ग्रामीणों के साथ जान-माल के लिए खतरा बने हुए हैं। बीते दिनों रायगढ़ वन मंडल के घरघा़ेडा रेंज में हाथी के हमले से एक महिला की मौत की खबर आई थी। वहीं सरगुजा क्षेत्र में हाथी के हमले से एक बुजुर्ग महिला के गंभीर रूप से घायल हो ने पर उसे अस्पताल दाखिल कराया गया है
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